थम सकती है कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण कच्चे तेल की कीमतों में कमी आयी है, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में आवाजाही और औद्योगिक गतिविधियों में कमी और अंततः ईंधन की माँग में कमी आ सकती है।

कई देशों में कोविड -19 मामलों में फिर से बढ़ोतरी, स्थानीय लॉकडाउन उपायों और कमजोर विमानन क्षेत्रों के कारण 2020 की तिसरी और चौथी तिमाही में माँग के अनुमान में क्रमशः 0.1 मिलियन बैरल प्रति दिन और 0.6 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी की गयी है। अमेरिकी सांसदों ने एक द्विदलीय सौदे तक पहुँचने की उम्मीद में 2.2 ट्रिलियन डॉलर कोरोना वायरस राहत पैकेज पर मतदान को स्थगित कर दिया, जबकि बढ़ते संक्रमण ने माँग में कमी की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।
ओपेक की बढ़ती आपूर्ति से भी बाजार पर दबाव पड़ा। लीबिया में कुछ केन्द्रों से उत्पादन फिर से शुरू होने से कुल उत्पादन में अगस्त की तुलना में सितंबर में प्रति दिन 1,60,000 बैरल की वृ्द्धि 4 हुई है और ईरान के निर्यात में वृद्धि हुई है। ओपेक प्लस की बढ़ती आपूर्ति से बाजार में संतुलन स्थापित करने के उनके प्रयासों झटका लगेगा क्योंकि बाजार में अभी भी माँग काफी कमजोर है। इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें 2,720-3,040 रुपये के कम दायरे में कारोबार कर सकती है, जहाँ रुकावट के पास बिक्री का दबाव देखा जा सकता है। अगले दो हफ्तों में अधिक माँग के पूर्वानुमान की भरपायी हाल के दिनों में अधिक उत्पादन से होने के कारण अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में गिरावट हुई है। सितंबर में, गैस का उत्पादन लगातार दूसरे महीने कम होकर 23 महीने के निचले स्तर 86.7 बिलियन क्यूबिक फीट के स्तर पर पहुँच गया है।
मेक्सिको की खाड़ी में तूफानों के आने, पाइपलाइन में रखरखाव और कोरोना वायरस के माँग के पूरी तरह समाप्त हो जाने से कीमतों के वर्ष के निचले स्तर पर पहुँचने से गैस कुओं को बंद करने और नयी ड्रिलिंग नहीं करने से उत्पादन में गिरावट हुई थी। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 175-230 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 05 अक्टूबर 2020)