कच्चे तेल की कीमतों में बिकवाली की संभावना - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

कच्चे तेल में पूरे सप्ताह बिकवाली का दबाव देखा गया, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस-यूक्रेन संकट के बाद बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए मई से शुरू होने वाले छह महीनों में प्रति दिन 1 मिलियन बैरल तेल जारी करने की घोषणा की।

नाइमेक्स पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के मई कॉन्टैंक्ट की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के निशान से नीचे फिसल गई। कीमतों में गिरावट सीमित रहने की संभावना है क्योंकि अमेरिकी तेल भंडार से तेल जारी करने की योजना रूसी आपूर्ति में कमी की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, रूस वैश्विक बाजारों में तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है और सऊदी अरब के बाद दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक है। दिसंबर 2021 में, इसने प्रति दिन 7.8 मिलियन बैरल का निर्यात किया। रूस-यूक्रेन संघर्ष से पहले भी तेल की कीमतें बढ़ रही थी, क्योंकि माँग में कमी के बावजूद महामारी पर अंकुश लगाने और आपूर्ति को बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण के बाद क्रेमलिन पर पश्चिम के प्रतिबंधें के कारण वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 139.13 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुँच गयी, जो 2008 के बाद से सबसे अधिक है। तब से कीमतों में काफी हद तक कमी आई है, क्योंकि चीन में कोविड-19 मामले में फिर से उछाल के बाद और प्रमुख शहरों में आवजाही पर अंकुश के कारण माँग की चिंताओं के कारण कीमतों में कमी आई है। इस सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतें 7,400-8,080 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है, जहाँ हम दोनों तरफ उतार-चढ़ाव देख सकते हैं।
पहले की अपेक्षा अगले दो सप्ताह में अधिक माँग के पूर्वानुमान के कारण नेचुरल गैस की कीमतें बढ़ी। रूस का गजप्रोम रूबल में भुगतान के मुद्दों के बीच यूरोप को गैस की आपूर्ति रोकने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस सप्ताह में नेचुरल गैस की कीमतें तेजी के रुझान के साथ कारोबार कर सकती है जहाँ सहारा 390 रुपये के करीब और रुकावट 470 रुपये के करीब रह सकता है। (शेयर मंथन, 04 अप्रैल 2022)