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एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स

सर्वेक्षण

  • मोनल देसाई
    वीपी, कोजेंसिस
    बुनियादी ढाँचे पर सरकारी खर्च बढ़ने और व्यापार सुगमता बढ़ने से पूँजीगत व्यय चक्र में तेजी आने की उम्मीद है।

  • हेमेन कपाडिया

    संस्‍थापक, चार्ट्स पंडित

    बाजार में गिरावटें आने पर मेरा सकारात्मक नजरिया होगा। भारत की आबादी हमारे बाजार के लिए सबसे सकारात्मक पहलू है, जबकि राजनीति का नकारात्मक असर रहता है। मेरा अनुमान है कि अगले छह महीने में सेंसेक्स 65,000 के आस-पास, जबकि निफ्टी 19,000 के स्‍तर के आस-पास होगा।

  • मयूरेश जोशी

    निदेशक – रिसर्च, विलियम ओ नील इंडिया

    मैं भारतीय बाजार के प्रति आशावादी और सकारात्मक हूँ। यह निश्चित रूप से भारत का दशक और सदी है। अर्थव्यवस्था मजबूत है और बैंकिंग प्रणाली भी एक दशक में संपत्ति गुणवत्ता पर सबसे कम दबाव के साथ दमदार है। भारत सबसे कम ऋण-जीडीपी अनुपात वाली वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

  • sanjay sinhaसंजय सिन्हा
    संस्थापक, साइट्रस एडवाइजर्स
    अगले 3-6 महीनों में बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहेगा, पर इसे साल 2017 के दौरान ही काफी मजबूत तेजी के नये दौर में प्रवेश करना चाहिए।

  • धीरेंद्र तिवारी

    रिसर्च प्रमुख, एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग

    पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) में सुधार होना बाजार के लिए प्रमुख सकारात्मक पहलू है। वहीं देश में राजनीतिक स्थिरता आने वाले समय में भारतीय बाजार के लिए एक बड़ी चिंता बनेगी। अगले छह महीने में भारतीय बाजार चुनावी माहौल से ही सबसे ज्‍यादा प्रभावित होगा। पर राज्यों के चुनावों का बहुत महत्व नहीं रहेगा या इसके चलते हल्का सकारात्मक असर हो सकता है।

  • pankaj pandeyपंकज पांडेय
    रिटेल रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
    मेरा आकलन है कि साल 2017 के अंत तक सेंसेक्स 30,200 और निफ्टी 9,150 पर होंगे।

  • अविनाश गोरक्षकर

    रिसर्च प्रमुख, प्रॉफिटमार्ट सिक्‍योरिटीज

    भारतीय बाजार अब उड़ने के लिए तैयार है। इसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सरकार की ओर से बुनियादी ढाँचे में बहुत बड़े निवेश, मजबूत पूँजीगत निवेश (कैपेक्स) और विदेशी निवेशकों की रुचि से दम-खम मिल रहा है। निवेशकों को मजबूत नकद प्रवाह (कैश फ्लो) और कारोबारी मॉडल वाली अच्छी कंपनियों पर ही केंद्रित रहना चाहिए।

  • nitesh chandनितेश चंद
    रिसर्च प्रमुख, साइक्स ऐंड रे इक्विटीज
    भारतीय शेयर बाजार अगले कुछ वर्षों में एक बड़ी तेजी के लिए तैयार है।

  • kunal saraogiकुणाल सरावगी
    सीईओ, इक्विटीरश
    मेरा आकलन है कि निफ्टी जून 2017 में 8,500 और साल 2017 के अंत में 9,000 के पास होगा।

  • sharmila joshiशर्मिला जोशी
    निवेश सलाहकार, चेशायर इन्वेस्टमेंट
    अभी घरेलू और वैश्विक दोनों लिहाज से काफी बाधाएँ हैं।

  • बृजेश आइल
    टेक्निकल एवं डेरिवेटिव प्रमुख, आईडीबीआई केपिटल मार्केट्स
    हमने मुनाफे वाले सात साल देखे हैं, इसलिए सूचकांक (इंडेक्स) का बेहतर प्रदर्शन शायद इस साल न हो। हमें अभी चुनिंदा शेयरों और क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2023 अनुमान से ज्यादा उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है।

  • Arvind Pruthiअरविंद पृथी
    संस्थापक, एंडरसन कैपिटल एडवाइजर्स
    यह साल शेयर बाजार के लिए मुश्किलों भरा रहने वाला है।

  • jitendra pandaजितेंद्र पांडा
    एमडी एवं सीईओ, पीयरलेस सिक्योरिटीज
    साल 2016 में ठहराव (कंसोलिडेशन) और सर्जिकल सुधारों के बाद हम ऐसे तार्किक मूल्यांकन पर हैं, जहाँ से एक नये शिखर तक पहुँचने की उछाल शुरू हो सकती है।

  • वैभव अग्रवाल
    रिसर्च प्रमुख, एंजेल ब्रोकिंग
    सरकार की ओर से प्रमुख सुधार कार्यक्रमों पर प्रगति का अभाव है।

  • टी. एस. हर‍िहर

    संस्‍थापक, एचआरबीवी क्‍लाइंट सॉल्यूशंस

    अच्छे शेयर चुन सकने वालों के लिए भारत एक शानदार बाजार बना हुआ है। आने वाले समय में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में ज्यादा सकारात्मक चाल की आशा रहेगी। राज्यों के आगामी विधान सभा चुनाव 2024 के राष्ट्रीय चुनाव के लिए माहौल तैयार कर सकते हैं। इसलिए इन चुनावों का हल्का सकारात्मक असर बाजार पर हो सकता है।

  • phani sekharफणिशेखर पोनांगी
    फंड मैनेजर

    कार्वी कैपिटल

    नवंबर 2013 के बाद से अब निवेश करने का सर्वोत्तम समय आया है।

  • pankaj jainपंकज जैन
    निदेशक, एसडब्लू कैपिटल
    मेरा मानना है कि साल 2017 बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण और ठहराव वाला होगा।

  • राजेश तांबे
    संस्थापक, नोमाडजिला फाइनेंशियल्स
    जून 2023 तक, यानी अगले छह महीने में सेंसेक्स 63,000-64,000 के आस-पास होगा। दिसंबर 2023 तक सेंसेक्स 65,000-66,000 के आस-पास रहेगा, क्योंकि 2024 में हमारे देश में आम चुनाव होंगे।

  • राजेश सतपुते
    बाजार विश्लेषक
    निफ्टी में हमने 7,500 से 18,880 तक की मजबूत तेजी देखी है और अब यह थोड़ा ठंडा होने का समय है। इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं, मगर इसमें लंबे समय से एक गिरावट आनी बाकी है। फिबोनाकी रिट्रेसमेंट के अनुसार इसमें 23.6% वापसी (रिट्रेसमेंट) का स्तर 16,200 के पास और 38% वापसी का स्तर 14,540 के पास है। इस समय रणनीति और दृष्टिकोण सतर्कता वाला होना चाहिए और गिरावट के इस दौर को खरीदारी के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।

  • राहुल अरोड़ा
    सीईओ, निर्मल बंग इक्विटीज
    मैं अभी बाजार को लेकर सतर्क आशावादी हूँ और निफ्टी को अगले छह महीनों में 18000 से 18500 के स्तर के आस-पास ही देखता हूँ। इस अवधि में सेंसेक्स 60,000 से 65,000 के दायरे में रह सकता है।

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