भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ती दिख रही है। अधिक सरकारी व्यय और तीनों मूलभूत क्षेत्रों में तेजी की बदौलत वित्तीय वर्ष 2017-18 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी (GDP) 7.2% की दर से बढ़ी है।
भारत की आर्थिक विकास दिसंबर 2022 को खत्म हुई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 4.4% पर आ गयी। इसे दूसरी तिमाही में 6.3% के मुकाबले बड़ी गिरावट माना जा रहा है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने दिसंबर तिमाही के लिए 4.6% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। एक अन्य रिपोर्ट में के-आकार की रिकवरी की वजह से औद्योगिक विकास की रफ्तार में कमी आने की भी आशंका जतायी गयी है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय या एनएसओ (NSO) ने दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) वृद्धि का आँकड़ा जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक जुलाई-सितंबर 2021 के दौरान 8.4% जीडीपी वृद्धि दर्ज की गयी।
वित्त-वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर महीनों के दौरान भारत की विकास दर या जीडीपी वृद्धि दर घट कर 6.3% पर आ गयी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने आज दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आँकड़े जारी किये।
आरबीआई (RBI) की ओर से जारी किये गये ताजा आँकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) या सीएडी बढ़ कर 1.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
सरकार ने आज नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह (GST collection) के आँकड़े जारी किये। इन आँकड़ों के मुताबिक जीएसटी संग्रह के लिहाज से नवंबर 2021 अब तक का दूसरा सबसे बढ़िया महीना साबित हुआ है।
जीडीपी (GDP) को 2020-21 की पहली तिमाही में भारी चोट लगी है और 23.9% की गिरावट आयी है।
देश में फरवरी 2023 के महीने में थोक महँगाई दर लगातार नौवें महीने घटकर 3.85% पर आ गयी। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति दर इस साल जनवरी में 4.73% और फरवरी 2022 में 13.43% थी। जनवरी 2021 के बाद यह सबसे कम है, तब थोक मुद्रास्फीति 4.73% थी।
रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने नजरिये की समीक्षा है।
फ्रांस को पछाड़ कर भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
2018 की जनवरी-मार्च तिमाही में भी भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के मामले में चीन से आगे रहा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आँकड़ों के अनुसार दो तिमाहियों तक नकारात्मक रहने के बाद अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही में भारत की विकास दर सकारात्मक हो गयी है। इस शुभ समाचार के पंचसूत्र :
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आँकड़ों के अनुसार दो तिमाहियों तक नकारात्मक रहने के बाद अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही में भारत की विकास दर सकारात्मक हो गयी है।
वैभव अग्रवालरिसर्च प्रमुख, एंजेल ब्रोकिंगसरकार की ओर से प्रमुख सुधार कार्यक्रमों पर प्रगति का अभाव है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) का अनुमान 7.4% से घटा कर 7.2% कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने 2019 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर घटा दी है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रभावों के मद्देनजर वर्ष 2020 के लिए भारत की विकास दर के अनुमान में एक बार फिर से कटौती कर दी है।
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