कच्चा तेल एक बार फिर ऊपर की ओर जाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि ये 20 डीएमए या 50 डीएमए पर फिर से अटक सकता है। यह 75 के स्तर के नीचे थम सकता है, अगर ऐसा होता है तो इसमें 70 के नीचे वाली चाल आ सकती है।
ब्रेंट क्रूड को 80 डॉलर पर जा कर रुक जाना चाहिए, क्योंकि अगर ये इस स्तर के ऊपर गया तो फिर इसे 86 डॉलर की तरफ जाने से कोई नहीं रोक सकता है। मेरे हिसाब से कच्चा तेल अब भी मोटेतौर पर एक दायरे में घूम रहा है और इसी दायरे में वापसी की राह पर है।
ब्रेट क्रूड का भाव जब तक 78.5 के नीचे है, तब तक इसमें और गिरावट आने के आसार बने रहेंगे। पहले भी हमने इसके 70 से 68 के स्तर तक गिरने की बात की है।
कच्चा तेल को मैं कमजोर नहीं कह पा रहा हूँ, क्योंकि मजबूती बनी हुई है। इसमें 88-89 का अवरोध है, इसके ऊपर ही ब्रेंट में चाल आने के आसार हैं, उससे पहले नहीं। फिलहाल तो यह 80 से 88-89 के दायरे में घूम रहा है।
कच्चा तेल को इतनी जल्दी नीचे नहीं आना चाहिए था। मेरे हिसाब से इसमें एक तिमाही का और कंसोलिडेशन होना चाहिए। यह अमेरिका में आये बैंकिंग संकट का असर है, अन्यथा क्रूड इतनी जल्दी और इतनी तेजी से नीचे नहीं आता।
कच्चे तेल में तेजी रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से थी, वो अब थमने लगी है। इसलिए मेरे हिसाब से मौजूदा स्तरों पर भी इसके भाव अधिक हैं। इसके भाव अंतत: 70 से 60 डॉलर के आसपास आकर ठहरेंगे। इसके बाद इसमें वापस ऊपर की चाल आयेगी। लेकिन ये इस साल नहीं अगले साल होगा।
ब्रेंट क्रूड का स्तर 70 के आसपास आ गया है और मुझे लगता है कि ये एक या दो तिमाही में 60 के आसपास पहुँच जायेगा। इसका टॉप 125 के स्तर पर था और वहाँ स्थिति सामान्य होने की चाल 60-70 तक होती है।
मुझे लगता कि सोने में 2000 डॉलर के स्तर से थोड़ी मुनाफावसूली आनी चाहिए। इसके बाद इसे कंसोलिडेट करना चाहिए। मुझे लगता है कि अगर सोने में और तेजी आनी है तो उससे पहले इसमें मुनाफावसूली आनी चाहिए।
कच्चे तेल की माँग में तेजी आने के लिए कम से कम नौ से 12 महीने का समय लग सकता है, क्योंकि जब तक बाजार को पूरी तरह ये भरोसा नहीं होगा कि आगे ब्याज दरें और नहीं बढ़ेंगी तब तक ब्रेंट क्रूड में तेजी नहीं आयेगी।
Expert Shomesh Kumar : सोना और डॉलर दोनों को जोखिम निवारक के तौर पर देखा जाता है। सोने का चार्ट बता रहा है कि इसमें जोखिम निवरक के हालात अभी बने हुए हैं। इसलिए अभी पक्के तौर पर ये नहीं कहा जा सकता है कि डॉलर और सोने में ऊपर की चाल खत्म हो चुकी है।
सोने में बाजार विश्लेषकों के मुताबिक रुझान सकारात्मक है। इसमें ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके अहम स्तरों का ध्यान रखना चाहिए। टेक्निकल चार्ट इशारा कर रहे हैं कि ऊपर की ओर सोना नये शिखर बना सकता है।
सोने के भाव में काफी समय से करेक्शन बकाया है, लेकिन 59,500 रुपये के स्तर से पहले सुधार की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है (Gold MCX Price Today Live)। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने 1975 डॉलर वाले स्तर का ध्यान रखना जरूरी है। मुझे लगता है कि सोने का चक्र अभी और चलेगा।
सोने में 59500 रुपये वाला स्तर टूट गया है, तो मेरे हिसाब से अब इसमें करेक्शन शुरू हो जाना चाहिए। मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने के भाव करेक्शन के बाद की अवधि में 1800 से 1850 डॉलर के आसपास तक आने चाहिए।
सोने में कंसोलिडेशन के बाद कम अवधि का ठंडापन आ सकता है। इसके बाद इसमें फिर से ऊपर की चाल देखने को मिल सकती है।
सोने के चार्ट को देखकर लग रहा है कि इसे जितना खिंचना चाहिए था, ये उससे ज्यादा चल चुका है। इसमें अब करेक्शन कब आयेगा, ये देखने वाली बात है।
सोने के मामले में मेरा नजरिया नहीं बदला है। सोने में करेक्शन शुरू हो चुका है। मुझे लगता है कि एमसीएक्स गोल्ड 61500 के आसपास ठहर जाना चाहिए। नीचे की तरफ सोने में 55500 रुपये का स्तर एक बार रीटेस्ट होना चाहिए। यहीं पर 200 डीएमए भी आ रहा है। सोने में तेजी की अभी कोई वजह नहीं दिख रही है, क्योंकि शादियों और त्योहारों का मौसम खत्म हो चुका है।
सोने में जब बड़ी चाल हो जाती है, तो चांदी उसका पीछा करती है और मुझे लगता है कि चांदी को भी सर्वकालिक उच्च स्तर तक जाना चाहिए। हो सकता है कि सोने से अब खरीदारी चांदी की तरफ आये।
चांदी में अभी ऊपर की चाल है और इसका फायदा उठाया जा सकता है। मुझे लगता है कि ये 75000 के स्तर तक जा सकती है। फिर यहाँ पर यह कंसोलिडेट करेगी।
मेरे हिसाब से चांदी में सोने के मुकाबले उस तरह की चाल अभी नहीं आयी है। इसका मतलब यह हो सकता है कि इसमें अब तेजी आ सकती है या फिर इसमें बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है।
Expert Shomesh Kumar : बाजार को अभी तरलता और भावनाओं से हवा मिल रही है, इसलिए मिडकैप और स्मॉलकैप में ही चाल नजर आ रही है। मुझे लगता है कि ये स्थिति एक-दो महीने और चलेगी और उसके बाद इसमें गहरा करेक्शन आ सकता है।
Page 6 of 27