कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। कीमतों को 5,190 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,090 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। कीमतों को 5,380 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,290 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। कीमतों को 5,440 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 5,360 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 5,960-6,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 6,140-6,260 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 6,140-6,290 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 6,100-6,280 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 5,720-5,860 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 4,840-5,090 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 7,600-8,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कमजोर डॉलर के प्रभाव की भरपायी कमजोर माँग और ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति से होने के कारण तेल की कीमतों में जून के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट हुई है।
कोविड -19 के प्रकोप के जारी रहने के बीच माँग को लेकर बढ़ती चिंता के कारण तेल की कीमतें 7% से अधिक लुढ़कर जून के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुँच गयी है।
कोविड-19 के नये संस्करण ओमाइक्रोन के कम गंभीर होने की संभावना से माँग के कमजोर होने की चिंता समाप्त होने के बाद तेल की कीमतों में कम वॉल्यूम के साथ उछाल दर्ज की गयी, यहाँ तक कि कई देशों ने संक्रमण के स्तर में वृद्धि पर यात्रा प्रतिबंध भी लगाये थे।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,320 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,230 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,390 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 3,270 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस मामलों में फिर से उछाल और ओपेक प्लस रिकॉर्ड तेल कटौती में कुछ ढ़ील दिए जाने को लेकर सहमति के कारण तेल की कीमतों की तेजी थम गयी।
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