रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की आय और मुनाफे में गिरावट

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अक्टूबर-दिसंबर 2014 की तिमाही में 5,256 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है, जो पिछले साल की समान तिमाही से 4.5% कम और ठीक पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर 2014 से 12% कम है।

कंपनी का कुल तिमाही कारोबार भी सालाना आधार पर 20.4% और तिमाही-दर-तिमाही 15% घट कर 96,330 करोड़ रुपये रह गया। हालाँकि कंपनी की ओर से जारी बयान में इसके सीएमडी मुकेश अंबानी ने कहा कि कामकाजी दक्षता पर जोर देने की वजह से कंपनी ने कच्चे तेल और फीडस्टॉक की कीमतों में तीखी गिरावट के बावजूद रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबारों में उद्योग का अग्रणी प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि कंपनी इन दोनों व्यवसायों में पूँजीगत निवेश के काम को आगे बढ़ा रही है और इसके नतीजे अगली 4-6 तिमाहियों में दिखने लगेंगे। 

कंपनी ने अपने कुल कारोबार में आयी गिरावट के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में साल भर पहले की तुलना में आयी करीब 30% कमी को मुख्य कारण बताया है। कंपनी के रिफाइनिंग एवं मार्केटिंग कारोबार पर नजर डालें तो इसका ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 7.6 डॉलर और इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 8.3 डॉलर की तुलना में अक्टूबर-दिसंबर 2014 के दौरान 7.3 डॉलर प्रति बैरल रहा। हालाँकि इस कारोबार में कंपनी का एबिट मार्जिन कुछ सुधर कर 4.0% हो गया। पेट्रोकेमिकल कारोबार का एबिट मार्जिन भी पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 7.8% और ठीक पिछली तिमाही के 8.9% की तुलना में इस बार 9.0% रहा। 

तेल-गैस (खनन एवं उत्पादन) कारोबार से कंपनी की आय घटी है। यह आय बीते कारोबारी साल की तीसरी तिमाही में 2,926 करोड़ रुपये और इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में 3,002 करोड़ रुपये थी, जो बीती तिमाही में 2,841 करोड़ रुपये रही। हालाँकि इस कारोबार में एबिट मार्जिन सुधर कर 29.3% हो गया। 

कंपनी ने अपने ये कारोबारी नतीजे शुक्रवार की शाम को बाजार बंद होने के बाद पेश किये हैं, लिहाजा इन पर बाजार की पहली प्रतिक्रिया सोमवार की सुबह ही दिख सकेगी। शुक्रवार को रिलायंस का शेयर बीएसई में 4.40 रुपये या 0.51% की बढ़त के साथ 869.00 रुपये पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2015)