रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज सब्सिडियरी को डीमर्ज (अलग) करने का फैसला लिया है। कंपनी अपनी सब्सिडियरी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को अलग कर एक्सचेंज पर लिस्ट (सूचीबद्ध) कराएगी।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रिलायंस के शेयरधारकों को जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के हर एक शेयर के बदले एक शेयर मिलेंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानी आरआईएल (RIL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स यानी निदेशक मंडल ने आरआईएल, रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड या (RSIL), संबंधित शेयरधारक और क्रेडिटर्स के बीच स्कीम ऑफ अरैंजमेंट को मंजूरी दी है। रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड या (RSIL) का नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज किया जाएगा। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की ग्राहक और मर्चेंट लेंडिंग बिजनेस को बाजार में उतारने की योजना है। साथ ही कंपनी ऑर्गेनिक वृद्धि सहित संयुक्त उपक्रम साझेदारी के साथ इनऑर्गेनिक वृद्धि के अवसर का आकलन जारी रखेगी।
कंपनी इंश्योरेंस, एसेट प्रबंधन और डिजिटल ब्रोकिंग सेगमेंट में अवसर ललाशते रहेगी। डीमर्जर के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को आरआईएल एक्सचेंज पर लिस्ट कराएगी। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट ऐंड होल्डिंग्स लिमिटेड (RIIHL) में आरआईएल का निवेश जो कि फाइनेंशियल सर्विसेज का हिस्सा है वह भी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में हस्तांतरित होगा। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिक्विड एसेट का अधिग्रहण करेगी ताकि ग्राहकों और कारोबारियों को देने के लिए पर्याप्त नियामकीय पूंजी उपलब्ध हो। साथ ही दूसरे फाइनेंशियल सर्विसेज वर्टिकल्स में वृद्धि करने के लिए जैसे इंश्योरेंस, पेमेंट,डिजिटल ब्रोकिंग और एसेट प्रंबधन के लिए कम से कम 3 साल का कोराबार ऑपरेशंस भी हो जाएगा। इसके लिए एनसीएलटी (NCLT), स्टॉक एक्सचेंज, सेबी (SEBI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी मिलना बाकी है।
(शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2022)