निजी क्षेत्र की दिग्गज बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) ने ऐलान किया है कि बैंक आईसीआईसीआई (ICICI) सिक्योरिटीज के डीलिस्टिंग प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। बैंक ने डीलिस्टिंग प्रस्ताव पर विचार के लिए
29 जून को बोर्ड बैठक तय की गई है। आपको बता दें कि आईसीआईसीआई (ICICI) सिक्योरिटीज बैंक की सब्सिडियरी है। इस खबर के ऐलान के बाद आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।
कंपनी के शेयर ने 52 हफ्तों का ऊपरी स्तर छुआ जो 647 रुपये प्रति शेयर है। खास बात यह है कि डीलिस्टिंग प्रस्ताव ब्रोकरेज फर्म की ओर से मार्च तिमाही में 263 करोड़ रुपये के कंसोलिडेटेड मुनाफे के एक दिन बाद आई है। डीलिस्टिंग का यह फैसला शेयर के एक्सचेंज पर लिस्टिंग के 5 साल बाद आया है। आपको बता दें कि आईसीआईसीआई (ICICI) सिक्योरिटीज की लिस्टिंग अप्रैल 2018 में हुई थी। कंपनी की आईपीओ (IPO) के जरिए 4000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी। कंपनी के आईपीओ को सुस्त रिस्पॉन्स मिला था और यह मात्र 78 फीसदी ही सब्सक्राइब हुआ था। इसमें रिटेल निवेशकों ने आवंटित कोटे के तहत 89 फीसदी के लिए बोली लगाई थी। आईपीओ का इश्यू प्राइस 520 रुपये प्रति शेयर था जबकि शेयर 435 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ था। शेयर ने 895.6 रुपये का अधिकतम भाव छुआ वहीं न्यूनतम स्तर 188 रुपये प्रति शेयर रहा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बैंक नकदी भुगतान के बजाए डीलिस्टिंग के लिए शेयर स्वैप प्रक्रिया को अपनाएगी। मार्च तिमाही के अंत तक आईसीआईसीआई बैंक का आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में 74.85 फीसदी हिस्सेदारी थी। चौथी तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 340 करोड़ रुपये के मुकाबले 263 करोड़ रुपये रह गया था जो कि 23 फीसदी कम है। बोर्ड ने 9.25 रुपये प्रति शेयर फाइनल डिविडेंड का ऐलान किया है।
चौथी तिमाही के नतीजे के बाद वैश्विक रिसर्च ऐंड ब्रोकिंग फर्म सिटी ने नजदीकी अवधि में लागत दबाव के कारण शेयर के मुनाफे पर असर देखने को मिल सकता है। ब्रोकिंग फर्म ने शेयर पर 440 रुपये प्रति के लक्ष्य के साथ बिकवाली की राय दी है। कंपनी ने ब्रोकिंग पर निर्भरता कम करने के लिए कारोबार को वेल्थ मैनेजमेंट, लोन और जनरल इंश्योरेंस में भी बांट रखा था। आपको बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक के साथ स्कीम ऑफ अरैंजमेंट के कारण डीलिस्टिंग प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। मई में कंपनी के ग्राहकों की संख्या के हिसाब से बाजार हिस्सेदारी 8 .4 % से घकार 7 .1 % रह गया है।
(शेयर मंथन, 26 जून,2023)