बजट से मिलेगी बाजार को अगली दिशा : राजेश तांबे (Rajesh Tambe)

आगामी केंद्रीय बजट से बाजार को अगली दिशा मिलेगी।

अगर सरकार महँगाई दर नीचे ला सकी तो ब्याज दरों में गिरावट आनी शुरू होगी। उससे निवेश आने लगेगा। प्रतिशत में देखें तो भारतीय उद्योगपतियों का निवेश भारत में कुल एफडीआई की तुलना में ज्यादा होगा। लेकिन केवल घरेलू माँग के आधार पर भारत के लिए 9% विकास दर हासिल कर पाना मुश्किल लगता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में माँग में कमी जैसी कोई वास्तविक अड़चन नहीं है, बल्कि इसके सामने केवल कृत्रिम अड़चनें हैं। सरकार को इन कृत्रिम अड़चनों को दूर करना होगा। खाड़ी संकट के संदर्भ में यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अमेरिकी कांग्रेस में ओबामा ने इराक में युद्ध नहीं छेड़ने का वादा किया है। साथ ही अमेरिका को अपने देश में ही शेल गैस इतनी मिल गयी है कि इराक में उनकी दिलचस्पी खत्म हो गयी है। शेल गैस की कहानी 2016-17 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कहानी पलट कर रख देगी। हालाँकि यह उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए कि वे इस गैस का निर्यात करेंगे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी आने पर ही भारत भी 9% विकास दर पा सकेगा। राजेश तांबे, विश्लेषक, वी. आर. कंसल्टेंट्स (Rajesh Tambe, Analyst, V.R Consultants)

(शेयर मंथन, 09 जुलाई 2014)