बड़े निवेशकों की मुनाफावसूली से टूटा बाजार : प्रतीक अग्रवाल (Prateek Agrawal)

बाजार में आज की गिरावट के लिए कई कारण गिनाये जा रहे हैं, लेकिन ये सब कारण उतने सटीक कारण नहीं लग रहे हैं। 
जैसे, भारत के व्यापार घाटे (Trade Deficit) में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो गिरावट का एक कारण हो सकता है। पर बाजार के लिए कई सकारात्मक बातें भी मौजूद थीं, जैसे डीजल के दाम एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाये गये थे। बाजार को सहारा मिलना चाहिए था, मगर वैसा नहीं हुआ। अगर व्यापार घाटे में बढ़ोतरी हुई तो दूसरी ओर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में कमी सकारात्मक थी। इसलिए लगता है कि यह आँकड़ों का चक्कर नहीं है और बाकी दुनिया के बाजारों का भी चक्कर नहीं है। लगता यही है कि बाजार में बड़े खरीदार आज नहीं थे। कहीं किसी ओर से जोर की मुनाफावसूली आयी है।
पिछले कुछ दिनों से बाजार जिस तरह तेजी से चल रहा था, उसका भी कोई स्पष्ट कारण किसी के सामने नहीं था। केवल नकदी के प्रवाह के दम पर यह तेजी थी। आज यह प्रवाह कुछ हल्का था और कारोबार की मात्रा भी सामान्य से कम रही है। हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर नकद में 1000 करोड़ रुपये के आसपास या इससे भी ज्यादा की शुद्ध खरीदारी होती रही है। आज यह खरीदारी 244 करोड़ रुपये की रही है। 
तिमाही नतीजों के इस मौसम में जितनी अच्छी खबरें आनी थीं, वे सब आ चुकी हैं। अब पीएसयू, खनिज और धातु कंपनियों वगैरह के नतीजे आयेंगे, जो आम तौर पर कमजोर होंगे। इस बात के मद्देनजर लोग कयास लगा रहे हैं कि बाजार के बड़े निवेशकों ने मुनाफावसूली की है। 
अभी यह मानना सही नहीं होगा कि रुझान पलट रहा है, क्योंकि नकदी का प्रवाह मजबूत है और वैश्विक बाजारों की स्थिति ठीक चल रही है। भारतीय बाजार इन स्तरों पर भी महँगा नहीं है। यहाँ से 3-4% नीचे भी खरीदारी उभर सकती है। निफ्टी 5800-5850 के पास जाये तो कायदे से वहाँ खरीदारी का सहारा मिलना चाहिए। उससे ज्यादा कमजोरी का अभी कोई कारण नहीं है। अगर अचानक चुनाव या ऐसी कोई बड़ी अनिश्चितता आ जाये तो बात अलग है, पर आज तो ऐसा कोई कारण दिखता नहीं है। प्रतीक अग्रवाल, सीआईओ, एएसके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (Prateek Agrawal, CIO, ASK Investment Managers)
(शेयर मंथन, 13 मई 2013)