नये वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे, क्या हम सुधार देखेंगे?

ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर के अनुसार अच्छे मानसून की उम्मीद में बाजार ने, खास कर अपना सबसे बुरा दौर देख चुकी कंपनियों और क्षेत्रों के शेयरों में तेजी आयी है।

अब वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के नतीजे आने का वक्त आ गया है और ब्रोकींग फर्म को कॉरपोरेट प्रदर्शन में सुधार की शुरुआत होने की उम्मीद है।
ब्रोकिंग फर्म के विश्लेषण दायरे में आने वाली कंपनियों के पहली तिमाही में बेहतर प्रदर्शन दर्ज करने की उम्मीद है। इन कंपनियों की आमदनी (रेवेन्यू) में सालाना आधार पर 1.3% और तिमाही आधार पर 0.4% की मंदी की उम्मीद है। इनका एबिटा सालाना आधार पर 3.2% बढ़ने और तिमाही आधार पर 3.4% घटने का अनुमान है। एबिटा मार्जिन सालाना आधार पर 38 आधार अंक बढ़ने और तिमाही आधार पर 80 आधार अंक सिकुड़ने का अनुमान है। विश्लेषण दायरे में आने वाली कंपनियों का कर बाद लाभ सालाना आधार पर 5.2% सिकुड़ने और तिमाही आधार पर 16.5% बढ़ने की उम्मीद है। बैंकों और तेल एवं गैस कंपनियों का शुद्ध आय प्रदर्शन सालाना आधार पर खराब रहना सालाना आधार पर शुद्ध आय में खिंचाव का मुख्य कारण है।
बीएफएसआई को छोड़ कर अन्य कंपनियों की शुद्ध बिक्री में सालाना आधार पर 0.6% और तिमाही आधार पर 0.3% की वृद्धि, एबिटा के सालाना आधार पर घट कर 1.8% रहने और तिमाही आधार पर सपाट रहने का अनुमान है। कर बाद लाभ में सालाना आधार पर 3.5% वृद्धि और सालाना आधार पर 5.5% वृद्धि का अनुमान है। एबिटा मार्जिन में सालानाआधार पर 37 आधार अंक के खिंचाव और तिमाही आधार पर 4 आधार अंक के खिंचाव का अनुमान है। तेल एवं गैस क्षेत्र को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों में शुद्ध बिक्री में सालाना आधार पर 7.2% वृद्धि और तिमाही आधार पर 7.3% की गिरावट का अनुमान है।
कुल मिला कर ब्रोकिंग फर्म का अनुमान है कि तेल विपणन कंपनियों के इन्वेंटरी लाभ में सुधार और ओएनजीसी की बेहतर प्राप्तियों के कारण तेल एवं गैस क्षेत्र में सुधार आयेगा। बैंकिंग क्षेत्र में ब्रोकिंग फर्म का मानना है कि बुरा दौर गुजर चुका है और ब्रोकिंग फर्म को अब एनपीए की मद में उतने स्लिपेज की आशा नहीं है जितना हमने वित्त वर्ष 2015-16 में देखा। (शेयर मंथन, 13 जुलाई 2016)