गैस प्राइसिंग पर किरीट पारिख समिति ने सौंपी रिपोर्ट

केंद्र सरकार की ओर से गैस प्राइसिंग पर गठित किरीट पारिख समिति ने आज अपनी रिपोर्ट पेट्रोलियम मंत्रालय को सौंप दी है। समिति ने फ्लोर और सिलिंग प्राइस की सिफारिश की है।

 वहीं समिति ने 1 जनवरी 2026 से प्राइसिंग तय करने की आजादी मिल जाएगी। लीगैसी फील्ड यानी पुराने फील्ड के गैस की प्राइसिंग के लिए बैंड निर्धारित किया गया है। आपको बता दें कि देश में उत्पादन होने वाले कुल नेचुरल गैस में पुराने फील्ड की हिस्सेदारी करीब दो तिहाई है। समिति ने गैस का प्राइस बैंड $4-6.5/यूनिट रखने की सिफारिश की है। एपीएम गैस की सालाना कीमत 0.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू बढ़ाने की सिफारिश की गई है। समिति ने 1 जनवरी 2027 से एपीएम की कीमत बाजार के मुताबिक तय होगी। किरीट पारिख समिति ने मुश्किल फील्ड से निकाले जाने वाले गैस की कीमतों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। 3 साल में मुश्किल फील्ड के गैस को मार्केट प्राइस से जोड़ने का सुझाव भी समिति ने दिया है। साथ ही समिति ने नेचुरल गैस को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने का सुझाव दिया है। साथ ही इससे राज्यों को होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने की भी सिफारिश की है। समिति की सिफारिशें सरकार के 2030 तक अर्थव्यवस्था में गैस की हिस्सेदारी 15 फीसदी करने के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगी। पुराने फील्ड से उत्पादित गैस ओएनजीसी (ONGC) और ओआईएल (OIL) को दिया जाता है। पेट्रोलियम सचिव ने बयान दिया है कि सरकार गैस प्राइसिंग पर कमेटी की सिफारिश की समीक्षा करेगी। फिलहाल भारत कुल खपत का 50% गैस इंपोर्ट करती है। ओएनजीसी (ONGC) 0.61% चढ़ कर 141.10 प्रति शेयर पर बंद हुआ। वहीं ऑयल इंडिया 0.34% चढ़ कर 204.65 प्रति शेयर पर बंद हुआ।

 

(शेयर मंथन 30 नवंबर, 2022)