शर्मिला जोशी : शेयर बाजार के लिए अमेरिकी मंदी सबसे बड़ी चिंता

शर्मिला जोशी
निवेश सलाहकार
लंबी अवधि में शेयर बाजार की संभावनाएँ अच्छी दिख रही हैं, मगर छोटी अवधि में कई चिंताएँ हैं। मेरे अनुमान से निफ्टी जून 2023 तक 18,500 के आस-पास होगा।

इन छह महीनों के लिए सेंसेक्स का लक्ष्य 61,000 का रख सकते हैं। वहीं इस साल के अंत तक निफ्टी 20,000 के आस-पास होना चाहिए और सेंसेक्स का दिसंबर 2023 का लक्ष्य 66,000 का होगा।
घरेलू आर्थिक परिस्थितियों में सुधार भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक है, जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी हमारे बाजार के लिए सबसे बड़ी चिंता है। मुझे लगता है कि अमेरिका में मंदी के हालात अगले छह माह में भारतीय बाजार को सबसे अधिक प्रभावित करेंगे।
अमेरिका की मंदी के साथ-साथ यूरोप का संकट भी अगले छह माह में भारतीय बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख वैश्विक कारणों में शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक अगले 12 महीने में ब्याज दरों में 50 आधार अंक (बेसिस प्वाइंट) की वृद्धि करेगा, लेकिन इसका बाजार पर कोई खास असर नहीं आयेगा।
इस साल बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) और सीमेंट क्षेत्रों का प्रदर्शन बाजार से बेहतर होगा। वहीं केमिकल क्षेत्र का प्रदर्शन इस साल कमजोर रहने के आसार लग रहे हैं। मेरे पाँच सबसे पसंदीदा शेयरों में लार्सन ऐंड टूब्रो, बीएचईएल, अंबुजा सीमेंट, एचडीएफसी बैंक और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा हैं।
(स्पष्टीकरण : इन शेयरों में विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित हो सकते हैं।)
(शेयर मंथन, 26 जनवरी 2023)