रिलायंस (Reliance) पर एफआईआर से निवेश माहौल बिगड़ेगा : देवेन चोकसी

केजी बेसिन गैस की कीमत को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराने का दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Govt.) का निर्णय काफी बाधक है और इसके चलते देश में निवेश के माहौल पर बुरा असर पड़ेगा। 

इससे उद्यमियों के आत्मविश्वास पर भी बुरा असर होगा। जो एफआईआर दर्ज कराया गया है, उसमें यह बात नहीं देखी गयी है कि वैश्विक बाजार में गैस की कीमत कितनी है। अगर गैस का घरेलू उत्पादन करने के बदले इसका आयात किया जाये तो मौजूदा कीमत की तुलना में करीब तिगुनी कीमत चुकानी पड़ेगी।

इस तरह के कदमों से भारत की आर्थिक प्रगति पर कुप्रभाव होगा। निकट भविष्य में इससे काफी नुकसान होगा, जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होगा। इस माहौल में निवेशक शेयर बाजार से दूर हो जायेंगे। निवेशकों को इससे चिंता होगी और भारत निवेश आकर्षित नहीं कर पायेगा। इसका असर केवल एक कंपनी पर नहीं होगा, बल्कि पूरे बाजार पर होगा। जब निवेशकों को पूरे बाजार को लेकर घबराहट होगी तो वे हर तरफ से अपना पैसा निकालने लगेंगे। घबराहट विदेशी और घरेलू दोनों तरह के निवेशकों में होगी। डर तो घरेलू निवेशकों को भी लगता है!

लेकिन खास तौर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज की बात करें तो इसके शेयर भाव पर कोई बड़ा असर नहीं होगा, क्योंकि इस समय रिलायंस की आय में घरेलू गैस कारोबार का योगदान काफी कम है। दूसरे, अभी तो केवल एफआईआर दर्ज हुआ है, कोई अदालती फैसला नहीं है। बाजार की धारणा के चलते थोड़ा-बहुत असर हो सकता है। (शेयर मंथन, 11 फरवरी 2014)