
भारतीय शेयर बाजार में लगातार छह सत्रों की गिरावट के बाद गुरुवार को लौटी हरियाली केवल एक ही दिन टिक सकी और शुक्रवार को बाजार फिर से कमजोर हो गया।
शुक्रवार को बाजार ने सुबह थोड़े सपाट रुझान के साथ शुरुआत की थी, मगर इसके बाद यह लगातार कमजोर होता गया। आखिरी घंटे में इसने निचले स्तरों से थोड़ा सँभलने की कोशिश की, मगर नुकसान के साथ ही बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) कुछ देर के लिए 25,000 के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे भी चला गया, मगर अंत में इसके थोड़ा ऊपर बंद हुआ। सेंसेक्स का आज का निचला स्तर 24,930 का रहा। अंत में यह 207.89 अंक या 0.82% की गिरावट के साथ 25,044.43 पर बंद हुआ। आज एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 72.85 अंक या 0.95% की गिरावट के साथ 7,610.45 पर बंद हुआ।
हालाँकि दिलचस्प बात यह रही कि आज की कमजोरी में संस्थागत निवेशकों की बिकवाली का योगदान नहीं रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 254 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। घरेलू वित्तीय संस्थाओं (DII) ने भी आज 293 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की।
कमजोरी का रुझान छोटे-मँझोले शेयरों के सूचकांकों में भी दिखा। बीएसई मिडकैप 1.18% गिरा और बीएसई स्मॉलकैप 0.81% नीचे बंद हुआ। एनएसई में भी निफ्टी मिडकैप 100 ने 0.75% और निफ्टी स्मॉल 100 ने 1.06% की गिरावट दर्ज की।
सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों को आज कमजोर करने में बैंक, ऑटो और कैपिटल गुड्स के दिग्गज शेयरों का ज्यादा योगदान रहा। सेंसेक्स के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आईसीआईसीआई बैंक (-3.60%), टाटा मोटर्स (-2.92%), महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (-2.23%), ऐक्सिस बैंक (-2.22%), एसबीआई (-2.09%) और लार्सन ऐंड टुब्रो (-1.99%) में आयी। दूसरी ओर टाटा स्टील (3.41%), हिंडाल्को (0.73%), सिप्ला (0.66%), हिंदुस्तान यूनिलीवर (0.60%), इन्फोसिस (0.57%) और वेदांत (0.36%) हरे निशान में रहे। (शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2015)