खुदरा महँगाई दर फरवरी में 6.44% हुई, रिजर्व बैंक की सहनसीमा स्तर से अब भी ज्यादा

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा सोमवार (13 मार्च) को जारी आँकड़ों के अनुसार, फरवरी में भारत का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) या खुदरा मुद्रास्फीति कम होकर 6.44% हो गई। यह लगातार दूसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सहिष्णुता स्तर से ऊपर रही।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने रिजर्व बैंक के दो से छह प्रतिशत के स्तर से ऊपर रही। जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 6.52% पर पहुँच गई थी।

दिसंबर में भारत की सीपीआई मुद्रास्फीति 5.72% थी, और नवंबर में, यह 5.88 % थी। पिछले महीने खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 5.95% रही जो जनवरी में 6.00% थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में खाद्य कीमतों का योगदान करीब 40% है। फरवरी में ग्रामीण मुद्रास्फीति 6.72% थी, जबकि शहरी मुद्रास्फीति 6.10% थी।

आरबीआई ने पिछले साल मई से रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। पिछले महीने सीपीआई मुद्रास्फीति के आरबीआई के सहिष्णुता स्तर को पार करने के बाद, विश्लेषकों का अनुमान है कि आरबीआई अप्रैल में 25 बीपीएस की वृद्धि करेगा। रेपो रेट फिलहाल 6.50% है। अगर आरबीआई रेपो रेट में फिर से बढ़ोतरी करता है तो प्रमुख लेंडिंग रेट उछलकर सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा।

(शेयर मंथन, 13 मार्च 2023)