क्या अपोलो हॉस्पिटल्स शेयर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का मल्टीबैगर है? विशेषज्ञ से जानिए

अस्पताल और हेल्थकेयर सेक्टर की बात करें तो इसमें हमेशा संभावनाएं बनी रहती हैं,. ऐसे में निवेशक जानना चाहते है कि अपोलो के शेयरों में आगे क्या होने वाला है?

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार का कहना है कि  असली चुनौती तब आती है जब निवेशक लॉन्ग टर्म निवेश सोचकर प्रवेश करते हैं और शेयर में 10–20% की गिरावट होते ही अपने फैसले पर पुनर्विचार करने लगते हैं। इसकी मुख्य वजह है वैल्यूएशन। दरअसल, अस्पतालों का कारोबार भारत के हेल्थकेयर सेक्टर की रीढ़ है और जो भी ट्रेंड इसमें बनता है, वही लंबे समय तक पूरे उद्योग को प्रभावित करता है। निवेशक को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह के शेयरों में 20–25% का जोखिम स्वाभाविक रूप से बना रहता है।  लगती हैं। अपोलो हॉस्पिटल को पोर्टफोलियो में रखना बुरा नहीं है, लेकिन आज की तारीख में इसे लंबी अवधि की बजाय शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग नजरिए से देखना ज्यादा समझदारी होगी।


(शेयर मंथन, 02 सितंबर 2025)

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