एक्सपर्ट से जानें कि GST कटौती के बाद भी उपभोक्ता क्षेत्र वाले शेयर क्यों नहीं बढ़ रहे है?

पिछले फेस्टिव सीजन के दौरान यह साफ तौर पर देखने को मिला कि जीएसटी कटौती का सकारात्मक असर कुछ चुनिंदा सेक्टर्स में दिखाई दिया, खासकर ऑटो सेक्टर में। हालांकि, कंजम्पशन से जुड़े बाकी सेक्टर्स में वह प्रभाव नहीं दिखा, जिसकी बाजार को उम्मीद थी।

ट्रेड स्क्रिप्ट ब्रोकिंग के निदेशक संदीप जैन कहते है कि इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि उपभोक्ता क्षेत्र (कंजम्पशन) का असली असर थोड़े समय के अंतराल के बाद सामने आता है। जैसे ही गर्मियों का मौसम आता है और फ्रिज, एसी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की मांग बढ़ती है, तब इस सेक्टर में सही मायनों में मोमेंटम देखने को मिल सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कंजम्पशन की कहानी अप्रैल-मई के आसपास जाकर तेज होगी। इस तर्क में काफी हद तक दम है। मार्च के बाद कई तरह के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया बदलते हैं, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल होते हैं और कई कर्मचारियों को इंक्रीमेंट का फायदा भी मिलता है। इन सभी फैक्टर्स का असर धीरे-धीरे कंजम्पशन पर दिखना शुरू होता है। इसके अलावा, इनकम टैक्स कट और जीएसटी कट जैसे फैसलों का पूरा असर भी तब सामने आता है, जब इन्हें लागू हुए कुछ महीने गुजर जाते हैं। सही मायनों में देखा जाए तो इन पॉलिसी बदलावों का फायदा एक पूरे साल के चक्र में स्पष्ट होता है, न कि तुरंत। लेकिन आने वाले दो से तीन सालों के नजरिए से बाजार की तस्वीर सकारात्मक बनी हुई है। कंजम्पशन की कहानी में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन इसकी दिशा और ग्रोथ पर भरोसा कायम है।


(शेयर मंथन, 16 दिसंबर 2025)

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