वित्त वर्ष 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में 2017-18 की समान अवधि में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कैपिटल फर्स्ट (Capital First) के मुनाफे में 35% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
कैपिटल फर्स्ट ने 70.8 करोड़ रुपये के मुकाबले 95.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। खबर है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद ऋण क्षेत्र काफी औपचारिक हुआ है, जिससे सभी क्षेत्रों में ऋण की माँग बढ़ी है। इससे कंपनी के सभी खुदरा फाइनेंसिंग व्यवसाय स्थिर संपत्ति की गुणवत्ता के साथ अच्छी तरह से विकास कर रहे हैं।
कैपिटल फर्स्ट की तिमाही शुद्ध ब्याज आमदनी 374.5 करोड़ रुपये से 56% बढ़त के साथ 583.1 करोड़ रुपये और कुल आमदनी 756.80 करोड़ रुपये से 46% अधिक 1,104.60 करोड़ रुपये हो गयी। इसके अलावा कंपनी का सकल एनपीए तिमाही दर तिमाही आधार पर 1.65% से घट कर 1.62% रह गयी, जबकि शुद्ध एनपीए 1% पर स्थिर रही। वार्षिक आधार पर कैपिटल फर्स्ट की एसेट अंडर मैनेजमेंट 19,824 करोड़ रुपये से 36% बढ़त के साथ 26,997 करोड़ रुपये रही।
वार्षिक नतीजे पर गौर करें तो 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में कंपनी का मुनाफा 238.90 करोड़ रुपये से 37.1% अधिक 327.44 करोड़ रुपये और कुल आमदनी 2,800.86 करोड़ रुपये से बढ़ कर 3,812.05 करोड़ रुपये रही।
दूसरी ओर बीएसई में कैपिटल फर्स्ट का शेयर शुक्रवार को 3.70 रुपये या 0.59% की कमजोरी के साथ 621.75 रुपये पर बंद हुआ। जबकि इसके 52 हफ्तों का शिखर 902.00 रुपये और तलहटी 610.00 रुपये पर रही है। (शेयर मंथन, 05 मई 2018)