उम्मीद, असमंजस और डर में झूलता शेयर बाजार

राजीव रंजन झा : भारतीय बाजार की चाल के बारे में कल मैंने जो कुछ लिखा, उसकी दो बातें छोटी अवधि के लिहाज से आज और ज्यादा महत्वपूर्ण बन गयी हैं।

मैंने एक तो यह लिखा था कि “अगर निफ्टी कल (सोमवार) के निचले स्तर 5666 को तोड़ कर और नीचे जाने लगे तो यह कहीं ज्यादा साफ हो जायेगा कि भारतीय शेयर बाजार की हाल की चाल टूटी है।” दूसरी बात यह थी कि “जब तक निफ्टी 5640 को पक्के तौर पर न तोड़े, तब तक ज्यादा चिंता भी न करें।” कल निफ्टी ने 5666 का स्तर नहीं तोड़ा, इसलिए अभी यह बात पक्की नहीं हो सकी है कि बाजार की चाल टूट गयी। इसलिए फिलहाल 5666 और उसके बाद 5640 के समर्थन स्तरों पर अपनी उम्मीदें टिका कर आप ऊपर की ओर देख सकते हैं।
लेकिन कल निफ्टी ने अपना सारा दिन सोमवार के बड़े दायरे के बीच ही गुजारा। अगर इसने सोमवार की तलहटी 5666 को नहीं तोड़ा, तो सोमवार के ऊपरी स्तर 5752 को भी पार नहीं कर पाया। यह बाजार का असमंजस दिखाता है। निफ्टी के दैनिक चार्ट पर दोजी संरचना भी बनी है, क्योंकि कल खुलने और बंद होने के स्तर लगभग पास-पास रहे और बंद स्तर दिन के शिखर और तलहटी से लगभग बीच में रहा। कल का बंद स्तर 5705 रहा, जो 10 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) 5706 को लगभग छू रहा है।
इसलिए बाजार वापस ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर चुका है, इस बात का भरोसा तभी होगा, जब यह 10 एसएमए के ऊपर अच्छी तरह लौट कर टिक सके और उसके बाद 5752 को पार कर सके। हालाँकि 5752 के ऊपर जाते ही अब 5800-5815 के स्तरों पर बाधा मिलेगी। हाल में जिस छोटी पट्टी की चर्चा मैंने की थी, वह इस समय लगभग 5800 पर है। (देखें http://www.sharemanthan.in/index.php/rag-bazaari/19951-rajeev-ranjan-jha-column-20121003) वहीं बीते शुक्रवार की सुबह गलत सौदों (फ्रीक ट्रेड) के चलते आयी विकट गिरावट से पहले निफ्टी ने 5815 का शिखर बनाया था। इसलिए जब तक निफ्टी उस शिखर और अपनी मौजूदा पट्टी की ऊपरी रेखा को पार नहीं करता, तब तक यह मानना भी ठीक नहीं होगा कि इसने नये ऊपरी स्तरों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।
इस बीच अब तिमाही नतीजों के अनुमानों की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। स्वाभाविक रूप से इन नतीजों के अलग-अलग अनुमान देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच का आकलन सेंसेक्स कंपनियों का मुनाफा 9.7% बढ़ने का है, तो दूसरी तरफ मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज को केवल 2% बढ़त की उम्मीद है। एंजेल ब्रोकिंग ने सेंसेक्स की 30 कंपनियों का मुनाफा 7.7% बढ़ने का अनुमान रखा है।
लेकिन एंजेल ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया है कि ओएनजीसी के आँकड़े हटा कर देखें तो अलग तस्वीर बनती है। दरअसल बाकी 29 कंपनियों का मुनाफा बढ़ने की दर 17.7% रहने का अनुमान है। ऐसा इसलिए, कि एंजेल को ओएनजीसी के मुनाफे में 34.5% की भारी गिरावट की आशंका है।
इन नतीजों में बाजार न केवल यह देखेगा कि पिछले कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले कंपनियाँ कितनी वृद्धि दिखा पा रही हैं, बल्कि इस पर भी गौर करेगा कि इसी कारोबारी साल की पहली तिमाही के मुकाबले इस बार का प्रदर्शन कैसा रहता है। अगर मोटे तौर पर कंपनियाँ इन तिमाही नतीजों में यह दिखा सकीं कि ठीक पिछली तिमाही से इस बार हालत बेहतर है तो इससे बाजार को बड़ी राहत मिलेगी। इससे यह साफ होगा कि हर अगली तिमाही में नतीजे पहले से ज्यादा खराब होने का सिलसिला खत्म हो रहा है।
एक तरफ तकनीकी नजरिये से बाजार में उम्मीद के साथ असमंजस है, तो तिमाही नतीजों को लेकर भी बाजार में डर के बीच से निकलती उम्मीद है। अगर तकनीकी बाधा स्तर पार हो पाये तो नयी उछाल का रास्ता खुलेगा, वरना यहाँ से एक फिसलन शुरू हो जायेगी। अगर ये तिमाही नतीजे बाजार को राहत दे पाये तो धीमेपन से उबरने की नयी उम्मीद जगेगी, वरना ये उम्मीदें कम-से-कम और 3 महीनों के लिए टल जायेंगी। कौन कहता है कि तकनीकी विश्लेषण और बुनियादी विश्लेषण के बीच कोई संबंध नहीं जुड़ता!  Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 10 अक्टूबर 2012)