निफ्टी (Nifty) दे रहा 6000 की दस्तक, या बाधा के ठीक सामने?

राजीव रंजन झा : भारतीय शेयर बाजार ने मार्च की शुरुआत में कुछ ऐसी चाल पकड़ी है कि भविष्य का अनुमान लगाना टेढ़ी खीर बन गया है।
फरवरी के अंत तक ऐसा लग रहा था कि भारतीय शेयर बाजार की न केवल छोटी अवधि की, बल्कि मध्यम अवधि की सकारात्मक चाल भी टूटी है। छोटी अवधि की चाल टूटने की पुष्टि 31 जनवरी - एक फरवरी को ही हो गयी थी, जब निफ्टी (Nifty) अपने दैनिक चार्ट पर 10 और 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) स्तरों के नीचे फिसल गया था। इसीलिए फरवरी अंक में मैंने लिखा था, “यह माना जा सकता है कि 6112 पर छोटी अवधि का एक शिखर बना है।”
पिछले अंक में मैंने आशंका जतायी थी कि अगर निफ्टी 5800 पर नहीं सँभला तो यह 5500-5400 तक टूट सकता है। महीने भर पहले मैंने लिखा था कि “निफ्टी को 5800 के आसपास सहारा मिलने की उम्मीद रखी जा सकती है, लेकिन यह सहारा टूटने पर पहले करीब 5650 और उसके बाद 5500-5400 के आसपास तक फिसलने की संभावना बनेगी।” तो क्या निफ्टी 5500-5400 तक फिसलने के लक्ष्य को अधूरा छोड़ कर 5650 पर ही सहारा लेकर वापस पलट चुका है?
मार्च के पहले हफ्ते में बाजार का मिजाज न केवल सुधरा है, बल्कि मध्यम अवधि में कमजोरी मानने की सोच पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत महसूस हो रही है। बाजार का रुख किस तरह एकदम कम समय में बदला है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जहाँ मार्च की शुरुआत में निफ्टी 5500 की ओर फिसलता दिख रहा था, वहीं शुक्रवार 8 मार्च को यह 5950 के भी ऊपर आ गया। 
सोमवार 4 मार्च की सुबह मैंने शेयर मंथन में अपने स्तंभ में लिखा था कि जब तक निफ्टी अपनी चाल बदलने का कोई साफ संकेत नहीं दे, तब तक यही मानना चाहिए कि यह अपने 5500-5400 के लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है। बाजार की चाल बदलने के बारे में मैंने दो शर्तें लिखी थीं। ये शर्तें थीं 10 और 20 एसएमए के ऊपर आने और 5850 को पार करने की। मैंने लिखा था कि अगर यह ऊपर की दोनों शर्तों को पूरा कर ले, तो इसके बाद मेरी नजर 5950-6000 के दायरे पर होगी, जहाँ एक बार फिर निफ्टी को काफी बाधा मिल सकती है। 
इसके बाद शुक्रवार 8 मार्च की सुबह मैंने शेयर मंथन में लिखा, “अगर एकदम छोटी अवधि की बात करें तो फिलहाल निफ्टी को 5900, 5940 और फिर 5970 के पास बाधा मिलने की संभावना बनी रहेगी।” लेकिन छोटी अवधि में नहीं, बल्कि उसी दिन निफ्टी 5952 तक चढ़ गया। उस दिन मेरे लेख का शीर्षक था, “निफ्टी (Nifty) का अगला पड़ाव 6000 या 5500?” लेकिन इन पंक्तियों के लिखते समय तक निफ्टी ने 6000 का दरवाजा खटखटा दिया है। 
मैंने 5950-6000 को मध्यम अवधि के रुझान के लिहाज से एक प्रमुख बाधा के रूप में देखा। संयोग से इस समय निफ्टी ठीक उसी मुकाम पर आ कर खड़ा हो गया है। ऐसे में वाकई यह बड़ी उलझन की स्थिति है कि अगले महीने भर के लिए भी बाजार की दिशा क्या मानें और किन लक्ष्यों पर नजर रखें। फिलहाल काफी चौकस ढंग से बाजार को देखना होगा और इसकी विभिन्न संरचनाओं और संकेतकों को ध्यान में रख कर यह समझना होगा कि आगे इसकी चाल किधर जा रही है। 
महीने भर पहले मैंने लिखा था कि निफ्टी 5800 पर नहीं सँभला तो 5500-5400 तक टूटेगा। बेशक इसके बीच में मेरी नजर 5650 पर भी थी। मैंने लिखा था कि 5800 का सहारा टूटने के बाद करीब 5650 और उसके बाद 5500-5400 के आसपास तक फिसलने की संभावना रहेगी। मगर मार्च के पहले हफ्ते में निफ्टी ने 5650 के ऊपर ही 5664 के स्तर से सहारा लेकर काफी तेज वापसी की है। इस वापसी की चाल ने सबको चौंकाया है।
फरवरी की शुरुआत में बाजार के तमाम संकेत नकारात्मक हो चले थे। निफ्टी न केवल 10 दिन और 20 दिन, बल्कि 50 दिन के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) के भी नीचे आ गया था। इसके बाद फरवरी में यह पिछले साल मई-जून से चल रही मध्यम अवधि की चढ़ती पट्टी से नीचे फिसल गया, जो मध्यम अवधि की चाल टूटने का एक और बड़ा संकेत था। 
लेकिन अब अचानक तस्वीर में कई खास बदलाव दिख रहे हैं। निफ्टी वापस न केवल 10 और 20, बल्कि 50 एसएमए के भी ऊपर लौट आया है। हालाँकि अभी 50 एसएमए के ऊपर लौट आने की बात पक्की होनी बाकी है। शुक्रवार 8 मार्च को निफ्टी 5946 पर बंद हुआ, जो 50 एसएमए के स्तर 5943 से बस तीन अंक ऊपर है। 
अगले कुछ दिनों में अगर निफ्टी 50 एसएमए के ऊपर टिक पाया तो यह इसके लिए एक अच्छा संकेत होगा। लेकिन इसके ठीक ऊपर 5971 पर छोटी अवधि का इसका पिछला शिखर है। वहीं 5980 के पास छोटी अवधि के साथ-साथ लंबी अवधि के चार्ट पर भी वापसी (रिट्रेसमेंट) के महत्वपूर्ण स्तर हैं। लिहाजा मोटे तौर पर 5950-6000 का दायरा निफ्टी के लिए बड़ा महत्वपूर्ण रहेगा। अगर निफ्टी 6000 के ऊपर जा कर टिक सका तो इस उछाल में शायद यह जनवरी 2013 के शिखर 6112 को भी पार कर ले और 6357 के पिछले ऐतिहासिक स्तर को छू ले। 
लेकिन दूसरी ओर अगर किसी वजह से निफ्टी 5950-6000 के ऊपर जाकर टिकने की शर्त पूरी नहीं कर सके और फिर से 50 एसएमए के नीचे लौट आये तो बाजार की चाल फिर से कमजोर होने की आशंका बन जायेगी। यह स्थिति जरूर उलझन में डालती है। छोटी और मध्यम अवधि के लिहाज से तब तक कोई स्पष्ट राय नहीं बनायी जा सकती, जब तक निफ्टी 5950-6000 के ऊपर टिकने न टिकने का मन न बना ले। 
अगर निफ्टी नवंबर 2012 की तलहटी 5548 से जनवरी 2013 के शिखर 6112 की 38.2% वापसी यानी 5896 के नीचे आ जाये तो यह इस बात का संकेत होगा निफ्टी अपनी वापस उछाल (पुल बैक) पूरी करके नीचे की ओर दोबारा फिसलने लगा है। अगर यह इस संरचना में 50% वापसी के स्तर 5830 को भी तोड़ दे तो यह बात ज्यादा पक्की लगेगी। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 11 मार्च 2013)