कल बाजार को किस 'अदृश्य हाथ' ने गिराया?

राजीव रंजन झा : शेयर बाजार में कई बार अदृश्य हाथ करामात दिखाते हैं और कल वैसा ही एक दिन था। जरा गौर करें संस्थागत खरीद-बिक्री के आँकड़ों पर। 
कल विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2264 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। इसकी तुलना में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की बिकवाली केवल 42 करोड़ रुपये की थी। एफआईआई की ऐसी जबरदस्त खरीदारी के बीच सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में जबरदस्त उछाल स्वाभाविक होती। लेकिन हुआ उल्टा। कल सेंसेक्स ने 151 अंक और निफ्टी ने 50 अंक यानी पौने एक फीसदी से कुछ ज्यादा की गिरावट दर्ज की।
यह अपने-आप में एक पहेली है कि आखिर बाजार के किस हिस्से ने एफआईआई की इतनी बड़ी खरीदारी के मुकाबले कहीं ज्यादा बड़ी बिकवाली करके बाजार को नीचे कर दिया? ध्यान दें कि कल सुबह-सुबह थोड़ी देर के लिए तेज रहने के बाद बाजार लगभग सारे समय दबाव में रहा। दोपहर में बाजार ने सँभलने की एक कोशिश की थी, लेकिन वह भी नाकाम रही। हमारे सामने घरेलू संस्थाओं के आँकड़े तो साफ हैं, जिनमें म्यूचुअल फंडों समेत बाकी वित्तीय संस्थाओं की खरीद-बिक्री भी शामिल है। जाहिर है कि कल की बिकवाली का दबाव उनकी ओर से नहीं था। खुदरा निवेशक तो बाजार में अभी ठीक से हैं ही नहीं, और जो थोड़े-बहुत हैं उनकी क्या बिसात!
एक-दो जानकारों से बात की तो वे इसे मंदड़िया गठजोड़ (बियर कार्टेल) के आतुर प्रयासों का नतीजा बता रहे हैं। लेकिन किसी आँकड़े के बिना ऐसी कोई बात केवल कयास ही कही जा सकती है। मैंने कई बार लिखा है कि बाजार में अलग-अलग श्रेणियों में होने वाले कारोबार के बारे में और अधिक आँकड़े सार्वजनिक किये जाने की जरूरत है। जब तक ऐसे आँकड़े सामने न हों, तब तक कल जैसी कोई भी घटना केवल 'अदृश्य हाथ' का कमाल कही जा सकती है!
खैर, दिलचस्प यह भी है कि बाजार कल लगभग वहीं आ कर खड़ा हो गया, जहाँ वह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतिगत घोषणा से पहले था। याद करें कि बुधवार को आरबीआई की बैठक के नतीजे की खबर आने से पहले निफ्टी 6150-6160 के आसपास टहल रहा था। जैसे ही खबर आयी, वैसे ही यह एकदम से उछल गया। इसके बाद बुधवार रात (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से बांडों की खरीदारी के मासिक कार्यक्रम में 10 अरब डॉलर की कमी किये जाने की खबर आयी, जिसे अमेरिकी बाजार ने सकारात्मक ढंग से लिया। इसके बाद कल सुबह भारतीय बाजार भी तेज खुला, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद लुढ़क गया। कल निफ्टी 6151 तक फिसलने के बाद अंत में 6167 पर रहा।
आज सुबह के कारोबार में निफ्टी ने फिर से जरा सकारात्मक रुझान दिखाया है, लेकिन तेजी की धारणा बनाने के लिए 6200 पार होने का इंतजार कर लेना बेहतर होगा। अभी यह 6190 के आसपास दिख रहा है। हाल में 5973-6415 की उछाल की 50% वापसी का स्तर 6194 पर है। अगर किसी कारण से निफ्टी 6200 से पहले अटकता दिखे, तो यह बाजार के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा। लेकिन कमजोरी साफ तौर पर तभी मानें, जब यह बुधवार के निचले स्तर 6130 के नीचे जाये।
कल भले ही निफ्टी गिरा, लेकिन इसने पिछले दिन से ऊपरी शिखर और ऊपरी तलहटी बनायी। कल के दायरे के भीतर ही 20 एसएमए (6183) और 10 एसएमए (6235) रहे। इन दोनों पर नजर रखें, इनके ऊपर जाने पर सकारात्मक रुझान बनना शुरू होगा। वहीं अगर छोटी अवधि के लिए खुल कर तेजी आने की बात करें, तो इसकी उम्मीद कल का ऊपरी स्तर 6264 पार होने पर की जा सकती है।
फिलहाल छोटी अवधि के लिए एक तरह से असमंजस है। दरअसल 6264 के ऊपर जाने पर ही साफ ढंग से तेजी बनेगी, जबकि 6130 के नीचे जाने पर ही साफ कमजोरी दिखेगी। यानी 6130-6264 के दायरे के बीच असमंजस है। अगर 6130 टूटा तो 5970-6000 तक फिसलने का अंदेशा बन जायेगा, जबकि 6264 पार होने पर 6400 से लेकर 6600 तक कहीं भी जाने की गुंजाइश खुल जायेगी। अगर 5973 से 6415 तक की उछाल को निफ्टी बुधवार को बनी 6130 की ताजा तलहटी से दोहराये, तो 6571 का लक्ष्य बनता है।
अगर केवल आज के कारोबार की बात करें तो 6158 के नीचे जाने पर कमजोरी आ सकती है, जबकि 6180 के ऊपर जाने पर कुछ सकारात्मक रुझान बनेगा, जबकि 6200 के ऊपर जाने पर ही ज्यादा उत्साह के साथ तेजी आ सकेगी। Rajeev Ranjan Jha 
(शेयर मंथन, 20 दिसंबर 2013)