चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इंटरग्लोब एविएशन (Interglobe Aviation) या इंडिगो के मुनाफे में 75% की भारी गिरावट आयी है।
पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 762 करोड़ रुपये से घट कर कंपनी का मुनाफा 190.9 करोड़ रुपये रुपये रह गया। इंडिगो के मुनाफे में गिरावट के दो मुख्य कारण माने जा रहे हैं, जिनमें ईंधन की कीमतों में वृद्धि और रुपये में गिरावट शामिल है। हालाँकि कंपनी की शुद्ध तिमाही आमदनी 6,178 करोड़ रुपये के मुकाबले 28% बढ़ कर 7,916.2 करोड़ रुपये रही।
इंडिगो का एबिटार, एयरलाइन की लाभकारिता मापने का महत्वपूर्ण तरीका, 2,001 करोड़ रुपये से 16% घट कर 1,681.4 करोड़ रुपये और एबिटार मार्जिन 32.4% की तुलना में 21.2% रह गया। इसके अलावा कंपनी की आरएएसके (उपलब्ध सीट प्रति किलोमीटर आमदनी) 3.82 रुपये से 3% घट कर 3.70 रुपये रह गयी, जबकि सीएएसके (उपलब्ध प्रति सीट किलोमीटर लागत) 3.16 रुपये से 14.5% अधिक 3.61 रुपये रहा।
इसके अलावा इंडिगो का लोड फैक्टर भी 88.5% के मुकाबले 3.2% की गिरावट के साथ 85.3% रह गया। बता दें कि 2018 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इंडिगो के बेड़े में 19 विमान बढ़े, जिससे इसके कुल विमानों की संख्या 208 हो गयी।
उधर बीएसई में इंटरग्लोब एविएशन का शेयर 1,117.90 रुपये के पिछले बंद भाव की तुलना में बढ़त के साथ 1,122.00 रुपये पर खुल कर कारोबार के दौरान 1,096.00 रुपये के निचले स्तर तक गिरा। अंत में यह 7.50 रुपये या 0.57% की कमजोरी के साथ 1,110.40 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 42,684.54 करोड़ रुपये है। वहीं इसके 52 हफ्तों का शिखर 1,520.00 रुपये और निचला स्तर 697.00 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 23 जनवरी 2019)