यूपीएल का Flupyrimin दवा बाजार में उतारने का ऐलान

यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड यानी यूपीएल (UPL) ने Flupyrimin को बाजार में उतारने का ऐलान किया है। यह दवा एक तरह का इंसेक्टिसाइड्स है जिसके इस्तेमाल से चावल के उत्पादन को बचाया जाता है।

 यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड यानी यूपीएल (UPL) ने Flupyrimin को बाजार में उतारने का ऐलान किया है। यह दवा एक तरह का इंसेक्टिसाइड्स है जिसके इस्तेमाल से चावल के उत्पादन को बचाया जाता है। यह दवा यूपीएल और एमएमएजी (MMAG) के साझीदारी के तौर पर विकसित की गई है। आपको बता दें कि MMAG मित्सुई केमिकल एग्रो इंक की सब्सिडियरी है। इस दवा के साथ खास बात यह है कि जापान के बाहर भारत में ही इस दवा की पहुंच अभी तक हो पाई है। यह दवा ब्राउन प्लांट हॉपर और येलो स्टेम बोरर के हमले से बचाने में कारगर है। आपको बता दें कि यूपीएल सतत एग्रीकल्चरल समाधान मुहैया कराने वाली कंपनी है। इस दवा में पेटेंट की गई इंग्रेडिएंट Flupyrimin है जो धान को नुकसान करने वाले कीटनाशक से बचाने का काम करता है। खास बात है कि कीटों से बचाने वाले इस दवा को खरीफ सीजन के शुरुआत के मौके पर ही बाजार में उतारा गया है जो कि आम तौर पर जून में शुरू होता है। Flupyrimin कीटनाशक में खास तरह के बायोलॉजिकल गुण मौजूद हैं। यह ब्राउन प्लांट हॉपर और येलो स्टेम बोरर से निपटने में काफी प्रभावी है। ट्रायल के दौरान यह दवा चावल के उत्पादन को बचाने में अहम भूमिका निभाते हुए दिखा। साथ ही इससे किसानों की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह दवा प्रतिरोधी हो चुके मौजूदा कीटनाशकों के ऊपर भी काम काम करता है। यूपीएल के प्रेसिडेंट और सीओओ यानी चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर माइक फ्रैंक के मुताबिक धान उत्पादकों के लिए यह दवा तकनीकी लिहाज से एक बड़ी सफलता है। यूपीएल के बड़े स्तर पर डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के जरिए इस दवा की पहुंच बेहतर रहेगी। भारतीय बाजार में इस दवा को उतारना एमएमएजी के साथ कंपनी के करार की दिशा में अहम मुकाम है। भारत के लिए यूपीएल रीजन हेड आशीष डोभाल के मुताबिक भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। चावल उत्पादन करने वाले किसान लंबी अवधि से ऐसे कीटनाशक का इंतजार कर रहे थे। इस दवा के इस्तेमाल से किसान धान की खेती के दौरान राहत की सांस लेंगे। Flupyrimin की खोज एमएमएजी और प्रोफेसर Kagabu ग्रुप ने किया था। इस दवा का रजिस्ट्रेशन जापान में 2019 में किया गया था।

 

(शेयर मंथन, 9 जून 2022)