देश के सात बड़े शहरों में तिमाही आवासीय बिक्री दोगुनी से ज्यादा : एनारॉक

वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में शीर्ष सात शहरों में आवासीय बिक्री में वार्षिक रूप से 113% की वृद्धि हुई है।

जहाँ 2020 की तीसरी तिमाही में 29,520 इकाइयों की बिक्री हुई थी, वहीं 2021 की तीसरी तिमाही में लगभग 62,800 इकाइयाँ बिकी हैं। इस तिमाही में कुल बिक्री का 33% योगदान मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) ने किया है और इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की 16% हिस्सेदारी है।

इस बीच, शीर्ष सात शहरों में नयी परियोजनाओं के आरंभ (लॉन्च) में सालाना 98% की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही में 32,530 इकाइयों का आरंभ हुआ था, जबकि 2021 की तीसरी तिमाही में 64,560 इकाइयाँ शुरू की गयी हैं। एमएमआर में इस तिमाही में सबसे अधिक लगभग 16,510 इकाइयों का आरंभ हुआ है। इसके बाद हैदराबाद का स्थान रहा, जहाँ लगभग 14,690 इकाइयों का आरंभ हुआ। दिलचस्प बात यह है कि इस नयी आपूर्ति में मध्यम श्रेणी (आवास की कीमत 40-80 लाख रुपये) का हिस्सा 41% और उच्च श्रेणी (कीमत 80 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक) का हिस्सा 25% रहा है। सस्ती आवासीय श्रेणी (40 लाख रुपये से कम कीमत वाली इकाइयाँ) की हिस्सेदारी घट कर 24% रह गयी।
शीर्ष सात महानगरों में आवासीय संपत्ति के मूल्यों में पिछले वर्ष तीसरी तिमाही की तुलना में इस वर्ष तीसरी तिमाही में 1-4% तक की वृद्धि हुई है। यह मूल्य-वृद्धि मुख्य रूप से निर्माण लागत बढ़ने के कारण हुई है। शीर्ष सात शहरों में संपत्तियों के मूल्य में औसत 3% वार्षिक वृद्धि देखी गयी है। वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में 5,760 रुपये प्रति वर्ग फुट रही है, जो 2020 की तीसरी तिमाही में 5,600 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। बेंगलूरु में सबसे अधिक 4% वार्षिक वृद्धि रही। यहाँ औसत मूल्य 4,975 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़ कर लगभग 5,150 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया।
एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी के अनुसार आईटी और आईटीईएस क्षेत्र ही शीर्ष सात शहरों में आवासीय माँग को मुख्य रूप से बढ़ा रहे हैं। वे कहते हैं, '2021 की तीसरी तिमाही में आईटी-आईटीईएस और वित्तीय क्षेत्रों में नौकरी की सुरक्षा में काफी सुधार हुआ और काफी नयी नौकरियाँ मिलीं। साथ ही आवास ऋण (होम लोन) की दरें रिकॉर्ड निचले स्तरों पर हैं और गृहस्वामित्व की भावना बढ़ रही है। घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) की बढ़ती संस्कृति दो तरह से आवासीय भावना को प्रभावित कर रही है - कुल आवासीय माँग और आवास का आकार। तेजी से बढ़ता टीकाकरण अभियान भी एक अतिरिक्त भावनात्मक सहारा बना है, विशेष रूप से निर्माण-स्थल पर आने वाले ग्राहकों की संख्या के संदर्भ में।'
इससे पहले जब-जब माँग अभूतपूर्व रूप से बढ़ी थी, तब उन पिछली अवधियों में आवास की कीमतों में भी तेजी से वृद्धि हुई थी। पर वर्तमान महामारी की अवधि में कीमतें कमोबेश स्थिर रही हैं। डेवलपर इस अवधि में अतिरिक्त प्रस्तावों और छूट के माध्यम से ग्राहकों के लिए सौदे को और मीठा बनाने का सक्रिय प्रयास कर रहे थे। इसके चलते संपत्ति खरीदने की समग्र लागत पर एक अंकुश लगा रहा।
इस साल की तीसरी तिमाही में एमएमआर में अनबिके मकानों की संख्या में वार्षिक रूप से 8% की प्रभावशाली कमी आयी है। वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही के अंत तक इस क्षेत्र में अनबिके मकानों की संख्या 1.92 लाख थी। एनसीआर में अनबिके मकानों में सालाना 3% की गिरावट देखी गयी। (शेयर मंथन, 30 सितंबर 2021)