क्या जीडीपी के आंकड़े एक धोखा हैं और बैंकिंग क्षेत्र का पर्दाफाश, विशेषज्ञ से जानें भारत की जीडीपी वृद्धि का रहस्य

किसी भी आर्थिक आँकड़े को समझने का सबसे सही तरीका है उसे जैसा है वैसा ही पढ़ना और स्वीकार करना। अक्सर हम ओवरथिंक करके असली बिंदुओं को नजरअंदाज कर देते हैं। दरअसल, किसी भी अच्छी चीज के साथ संकोच (inhibition) बना रहता है, और यही स्थिति वर्तमान जीडीपी आँकड़ों पर भी लागू होती है।

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार का कहना है कि हाल ही में आए जीडीपी के आँकड़े आशा से कहीं अधिक मज़बूत रहे हैं। कई बाधाओं के बावजूद अगर वृद्धि दर इतनी अच्छी है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताक़त को दर्शाता है। लगभग 56% भारतीय अर्थव्यवस्था खपत (consumption) पर आधारित है और सरकार लगातार क्रेडिट व खपत को प्रोत्साहन दे रही है। आने वाले 1.5 से 2 वर्षों में यह खपत अर्थव्यवस्था को और भी मज़बूत धक्का दे सकती है।

कुल मिलाकर, मजबूत जीडीपी डेटा, बेहतर लिक्विडिटी, बढ़ती खपत और त्योहारों के मौसम का संगम आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार दोनों को नई गति देने की क्षमता रखता है।


(शेयर मंथन, 05 सितंबर 2025)

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