छोटी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के शेयर में परेशानी के दौरान निवेशकों को क्या करना चाहिए? पीयूष

पीयूष जानना चाहते हैं कि उन्हें छोटी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के शेयर में आगे क्या करना चाहिए? आइए, बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से जानते हैं कि शेयरों में आगे क्या होने की संभावना है?

 बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि हाल के महीनों में स्मॉल हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) के प्रदर्शन में कमजोरी साफ दिखाई दी है। इन कंपनियों पर जो दबाव दिख रहा है, वह अस्थायी जरूर है, लेकिन फिलहाल इनके लिए चुनौतीपूर्ण समय बना हुआ है। दरअसल, इन कंपनियों की एसेट क्वालिटी (Asset Quality) यानी ऋण वसूली की स्थिति में गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे उनके वैल्यूएशन (Valuation) पर नकारात्मक असर पड़ा है। यह स्थिति कोई अचानक नहीं आई है। कुछ समय पहले ही संकेत मिलने लगे थे कि हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर, खासकर छोटी कंपनियां, निकट भविष्य में कठिन दौर से गुजर सकती हैं। इसका मुख्य कारण था रियल एस्टेट सेक्टर की सुस्ती और बढ़ती ब्याज दरों का असर। जब निर्माण कार्यों में मंदी आती है या खरीदारों की मांग घटती है, तो हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर लोन की अदायगी का जोखिम बढ़ जाता है। यही कारण रहा कि इनकी बैलेंस शीट पर दबाव दिखने लगा।


(शेयर मंथन, 08 नंवबर 2025)

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