सार्वजनिक बैंकों के शेयरों में भारी तेजी

शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) बंद होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक के कायाकल्प के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा इंद्रधनुष कार्यक्रम पेश किये जाने का बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों पर खासा अच्छा असर पड़ा है। इंद्रधनुष की घोषणा के बाद सोमवार को जब बीएसई में कारोबार शुरू हुआ तो सार्वजनिक बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दर्ज की गयी। इनमें भी सर्वाधिक तेजी बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में दर्ज की गयी। बीएसई के बैंकिंग सूचकांक में 0.66% की वृद्धि दर्ज की गयी है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर में दोपहर करीब दो बजे 14.39% की बढ़त के साथ सौदे हो रहे थे। केनरा बैंक में 10.59%, इंडियन बैंक में 9.42% और बैंक ऑफ इंडिया में 7.25% की तेजी दर्ज की जा रही है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (+4.95%), कॉरपोरेशन बैंक (+4.38%), इलाहाबाद बैंक (+4.29%), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (+4.27%) और पंजाब नेशनल बैंक (+4.18%) के शेयर में 4% से ज्यादा की तेजी देखी जा रही है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया(+3.99%), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (+3.67%), विजया बैंक (+3.60%), यूको बैंक (+3.40%), आंध्र बैंक (+3.37%), पंजाब ऐंड सिंध बैंक (+3.27%), स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर (+3.07%) और देना बैंक (+3.06%) के शेयरों में 3% से 4% तक की बढ़त देखी जा रही है। इंडियन ओवरसीज बैंक (+2.84%), सिंडीकेट बैंक (+2.65%) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (+1.79%) के शेयरों में भी तेजी दर्ज की गयी।

इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत सरकार ने पहली बार दो सरकारी क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष पदों पर निजी क्षेत्र से नियुक्तियां की हैं। सरकारी बैंकों के कर्मचारियों और उनके यूनियनों ने सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया है। इसके बाद सरकार को सफाई देनी पड़ी है। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि वह इस तरह की और नियुक्तियां नहीं करेगी।
पिछले हफ्ते सरकार ने आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व चेयरमैन रवि वेंकटेशन को बैंक ऑफ बड़ौदा का चेयरमैन बनाया है। निजी क्षेत्र के ही लक्ष्मी विलास बैंक के प्रमुख राकेश शर्मा को केनरा बैंक का एमडी और सीईओ नियुक्त किया गया है। रियल्टी कंपनी वीबीएचसी वैल्यू होम्स के प्रमुख पी.एस. जयकुमार को बैंक ऑफ बड़ौदा का एमडी और सीईओ बनाया गया है। वीबीएचसी वैल्यू होम्स में आने से पहले जयकुमार सिटीबैंक में कंज्यूमर बैंकिंग के प्रमुख रह चुके हैं।
सरकारी बैंक के कर्मचारियों और उनके यूनियनों ने निजी क्षेत्र से हुई नियुक्तियों का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार को निजी बैंकों से सरकारी बैंकों के शीर्ष पदों पर नियुक्ति करने के बजाय डूबे कर्ज की वसूली पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी बैंक यूनियनों के कड़े विरोध के बाद केंद्र सरकार में वित्तीय मामलों के सचिव हँसमुख अढ़िया ने रविवार को कहा कि आगे सरकारी बैंकों में सीईओ और एमडी पदों पर निजी क्षेत्र के बैंकों से नियुक्तियां नहीं की जायेंगी। इन पदों पर नियुक्तियों के लिए सिर्फ सरकारी बैंकों के टैलेंट पूल का ही इस्तेमाल किया जायेगा। (शेयर मंथन, 17 अगस्त, 2015)