
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक बुधवार (29 मई) को निफ्टी में गैप-डाउन शुरुआत हुई और पूरे कारोबारी सत्र के दौरान ये दबाव में रहते हुए 183 अंकों (0.80%) के नुकसान के साथ 22704 के स्तर पर बंद हो गया।
कमजोर वैश्विक संकेतों के साथ चुनाव नतीजों को लेकर अनिश्चितता की वजह से पिछले 14 कारोबारी सत्र में इतनी तीव्र गिरावट देखने को मिली। हालाँकि व्यापक बाजार को इसका खामियाजा नहीं देखना पड़ा और ये मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए।
क्षेत्रीय स्तर पर, बाजार को नीचे खींचने में मोटेतौर पर बैंक और वित्तीय क्षेत्र का हाथ रहा, क्योंकि रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का मानना है कि ऋण वृद्धि में सुस्ती आ सकती है और ये वित्त वर्ष 2024 में 16% के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में ऊँचे बेस प्रभाव और जीडीपी वृद्धि की धीमी रफ्तार की वजह से 14% रह सकती है।
सिर्फ फार्मा और मेटल क्षेत्र में आज तेजी देखने को मिली। भारत और फ्रांस के बीच 50,000 करोड़ रुपये में 26 राफेल मरीन फाइटर जेट के लिए कल होने वाली प्रस्तावित बैठक की खबर के बाद रक्षा और शिप बिल्डिंंग स्टॉक में खरीदारी का रुझान दिखा।
अनुमान से बेहतर उपभोक्ता भरोसा आँकड़ों के साथ अमेरिकी फेड की सतर्क टिप्पणियों के बीच यूएस ट्रेजरी ईल्ड 1 माह के उच्च स्तर 4.55% पर पहुँच गया। अब सभी की नजरें कोर पीसीई डेटा पर हैं, जो अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर फैसले के लिए बेहद अहम हैं।
घरेलू स्तर पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली में कमी आने के बावजूद, जैसे-जैसे हम बड़े घटनाक्रम के नतीजों की तरफ बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे बाजार में सतर्कता बढ़ रही है जो मुनाफवसूली को बढ़ावा दे रही है।
आने वाले सत्र में अस्थिरता में और इजाफा होने का अनुमान है, इसलिए कारोबारियों को बहुत आक्रामक न होकर संभलकर रहने का सुझाव रहेगा। कमजोर वैश्विक संकेत ने घबराहट में और इजाफा किया है, जिससे बाजार निकट भविषय कमजोर रह सकते हैं।
(शेयर मंथन, 29 मई 2024)
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