एनएसईएल घोटाला : मोतीलाल ओसवाल और आईआईएफएल की कमोडिटी इकाइयाँ अनुचित और अयोग्य घोषित

एनएसईएल घोटाला (NSEL Scam) मामले में कार्रवाई करते हुए बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) और इंडिया इन्फोलाइन (India Infoline) या आईआईएफएल की कमोडिटी ब्रोकिंग फर्मों को 'अनुचित और अयोग्य' घोषित कर दिया है।

बता दें कि निवेशकों को ठगने में एनएसईएल (नेशनल स्पॉट एक्सचेंज) के साथ मिलीभगत के आरोप में सेबी की करीब 300 ब्रोकिंग फर्मों के खिलाफ जाँच चल रही है, जिनमें आनंद राठी कमोडिटीज (Anand Rathi Commodities), फिलिप कमोडिटीज (Philip Commodities) और जियोपिन कमोडिटीज (Geofin Commodities) शामिल हैं।
22 फरवरी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किये गये आदेश में सेबी ने कहा है कि मोतीलाल ओसवाल और आईआईएफएल की एनएसईएल के साथ मिलीभगत थी और इन्होंने घोटाले में खुद को एक माध्यम बनने की स्वीकृति दी।
एनएसईएल मामले में यह पाया गया था कि एक्सचेंज ने अपने यहाँ होने वाले सौदों के लिए जरूरी पर्याप्त स्टॉक (भंडार) नहीं रखा, जबकि ब्रोकरों ने आकर्षक लगने वाले कॉन्ट्रैक्ट निवेशकों को बेच दिये। गौरतलब है कि 2013 में एनएसईएल 5,600 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक गया था।
सेबी ने कहा है कि कमोडिटी ब्रोकिंग फर्मों के ग्राहकों (Clients) को 45 दिनों के भीतर ब्रोकरों के पास मौजूद अपनी प्रतिभूतियों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के निकालना या स्थानांतरित करना है। (शेयर मंथन, 23 फरवरी 2019)