वित्त वर्ष 2022 में माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री का लोन पोर्टफोलियो 5 फीसदी बढ़ा

वित्त वर्ष 2022 में माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री का लोन पोर्टफोलियो 5 फीसदी बढ़कर 2.62 लाख करोड़ रुपए रहा। यह रिपोर्ट Sa-Dhan यानी साधन की ओर से जारी किया गया है। पिछले साल इसी अवधि में माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री का लोन 2.50 लाख करोड़ रुपए रहा था। आपको बता दें कि 'साधन' माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मान्यता प्राप्त सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन है। वित्त वर्ष 2022 की आखिरी तिमाही में इंजस्ट्री का कुल लोन पोर्टफोलियो में 13 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है।

Sa-Dhan यानी 'साधन' के कार्यकारी निदेशक पी सतीश ने कहा कि पिछले 2 साल से कोरोना से जारी परेशानी खत्म हो गई है और सेक्टर में रिकवरी के संकेत साफ तौर पर दिखाई दे रही है। पी सतीश के मुताबिक सेक्टर वापस ग्रोथ के अपने पुराने रास्ते पर लौट रहा है। इसमें सरकार के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से समय पर उठाए गए कदमों की बड़ी भूमिका है। साथ ही सरकार की ओर से इंडस्ट्री को दिए गए राहत पैकेज से भी काफी सहारा मिला है।
पी सतीश के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के पहली तिमाही में सकारात्मक ग्रोथ की उम्मीद है। साथ ही साल के बाकी बचे महीनों में यही ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है।
सालाना आधार पर कुल पोर्टफोलियो में 5 फीसदी की ग्रोथ रही, वहीं बैंक के पोर्टफोलियो में 7 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 1.02 लाख करोड़ रुपए रही।
मार्च अंत तक एनबीएफसी-एमएफआईएस (NBFC-MFIs) का पोर्टफोलियो 19 फीसदी चढ़कर 94,096 करोड़ रुपए रहा। वहीं वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में कुल भुगतान (डिस्बर्समेंट) 6.84 गिरकर 85,667 करोड़ रुपए रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्टर्स को मिलने वाले फंड्स में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी छोटे माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस बैंकों से फंड्स के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। बैंकों ने असम में मुख्यालय वाले माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस को फंडिंग लगभग बंद कर दिया है। हालाकि कलेक्शन क्षमता में भी सुधार देखा गया है जो करीब 95-99 फीसदी तक रहा है। हालाकि की रिकवरी की दर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक जैसी नहीं है। असम में कलेक्शन क्षमता 60-65 फीसदी के निम्नतम स्तर पर है। (शेयर मंथन 17 मई 2022)