नई इंश्योरेंस पॉलिसी का असर जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के शेयरों पर कितना दिख सकता है?

महेश चंडक जानना चाहते हैं कि उन्हें पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (General Insurance Corporation) के शेयर में आगे क्या करना चाहिए? आइए, बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से जानते हैं कि शेयरों में आगे क्या होने की संभावना है?

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि सरकार की लाई गई नई इंश्योरेंस पॉलिसी और उसमें 100% एफडीआई सेक्टर के लिहाज से सकारात्मक माना जा सकता है, क्योंकि भारत में इंश्योरेंस पेनिट्रेशन अभी भी काफी कम है और आगे ग्रोथ की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। 100% एफडीआई से न सिर्फ पूंजी का सपोर्ट मिलेगा, बल्कि ग्लोबल टेक्नोलॉजी, रिस्क मैनेजमेंट और बेस्ट प्रैक्टिसेज का फायदा भी भारतीय कंपनियों को मिल सकेगा। हालांकि, यह फायदा किसी एक कंपनी के लिए नहीं, बल्कि पूरे इंश्योरेंस सेक्टर के लिए है। जीआईसी री को इससे अलग से कोई एक्सक्लूसिव लाभ मिलेगा, ऐसा कहना मुश्किल है। इंश्योरेंस एक शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग सेक्टर नहीं, बल्कि एक स्ट्रेटेजिक और लॉन्ग-टर्म होल्डिंग वाला सेक्टर है, जिसे पोर्टफोलियो में धैर्य के साथ देखा जाना चाहिए। इस लिहाज से सेक्टर का आउटलुक पॉजिटिव जरूर है।

अगर जीआईसी री के बिज़नेस पर नजर डालें, तो यहां सबसे बड़ी दिक्कत इसके नतीजों की अस्थिरता है। कभी सेल्स में गिरावट दिखती है, तो कभी अचानक तेज उछाल, खासकर मार्च क्वार्टर में। इसके बाद फिर ग्रोथ रेट स्लो हो जाता है। इसी वजह से कंपनी के लिए एक स्टेबल वैल्यूएशन तय करना मुश्किल हो जाता है और यही कारण है कि पिछले करीब दो साल से शेयर की कीमत में कोई ठोस मूवमेंट नहीं दिखा है। स्टॉक लंबे समय से कंसोलिडेशन फेज़ में फंसा हुआ है। जनरल इंश्योरेंस सेक्टर को लेकर नजरिया सकारात्मक बना हुआ है, लेकिन जीआईसी री उस तेजी का तुरंत लाभ उठाती दिखे, ऐसा फिलहाल नजर नहीं आता।


(शेयर मंथन, 23 दिसंबर 2025)

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