सरकार ने पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) पर लगाया अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, लेकिन उपभोक्ता न हों परेशान

केन्द्र सरकार ने पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) पर उत्पाद शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी है। मंगलवार की देर शाम सरकार ने यह अधिसूचना जारी की।

इस अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल पर आठ रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Additional excise duty) और दो रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Special additional excise duty) लगाया गया है। इस तरह पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी है। इसी तरह डीजल पर आठ रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और पाँच रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया गया है। इस तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क में 13 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गयी है। यह बदलाव आज बुधवार की सुबह से लागू हो गया है।
लेकिन पेट्रोल और डीजल के उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि इस सारी बढ़ोतरी का बोझ तेल विपणन कंपनियाँ (Oil Marketing Companies) उठायेंगी और पेट्रोल व डीजल के खुदरा दाम नहीं बढ़ेंगे। शेयर बाजार में आज के कारोबार में तेल विपणन कंपनियों के शेयरों पर दबाव दिख रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) पर आज सुबह 11.55 बजे एचपीसीएल (HPCL) में 5.85%, बीपीसीएल (BPCL) में 2.52% और इंडियन ऑयल (IOC) में 2.48% की गिरावट है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब कच्चे तेल की कीमतों का फायदा उठाने के लिए सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। केन्द्र सरकार ने आम बजट 2019-20 में इस तरह के प्रावधान पेश किये थे और जुलाई 2019 में पेट्रोल-डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और एक-एक रुपये प्रति लीटर का सड़क उपकर लगाया गया था।
उसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी भारी गिरावट के बाद केन्द्र सरकार ने मार्च 2020 में भी पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन-तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी थी।
पेट्रोलियम उत्पादों पर विशेष उत्पाद शुल्क लगाने से सरकार को सकल राजस्व संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने और व्ययों के लिए पूँजी की व्यवस्था करने में सहायता मिलेगी। (शेयर मंथन, 06 मई 2020)