आरबीआई ने बड़े कर्जदारों के लिए जारी किया दिशानिर्देश, तय किया मानक

बड़े कर्जदारों के बीच क्रेडिट अनुशासन बढ़ाने के लिए बुधवार को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने दिशानिर्देश जारी किया है।

दिशानिर्देशों के मुताबिक 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक की कुल फंड आधारित कार्यशील पूंजी सीमा वाले कर्जदारों के संबंध में, 40 प्रतिशत का न्यूनतम स्तर 'ऋण घटक' 1 अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगा।
उसके अनुसार, ऐसे कर्जदारों के लिए, बकाया 'ऋण घटक' (कार्यशील पूंजी ऋण) स्वीकृत फंड-आधारित कार्यशील पूंजी सीमा के कम से कम 40 प्रतिशत के बराबर होना चाहिए ..."। आरबीआई ने कहा कि नकद क्रेडिट सुविधा के रूप में न्यूनतम ऋण घटक सीमा से अधिक की अनुमति दी जा सकती है।
दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि कर्जदारों के परामर्श से बैंकों द्वारा ऋण घटक की राशि और अवधि तय की जा सकती है, जिसके लिए सात दिनों की शर्त निर्धारित की गयी है।
भारतीय रिजर्व बैंक के ये दिशानिर्देश 1 अप्रैल, 2019 से प्रभावी होंगे, जिसमें मौजूदा और नए संबंध दोनों शामिल होंगे। 1 जुलाई, 2019 से 40 प्रतिशत ऋण घटक 60 प्रतिशत तक संशोधित किया जाएगा। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2018)