सीआईआई (CII) ने की माँग, अंतरिम बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा हो 5 लाख

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से आगामी आम बजट में आयकर (इनकम टैक्स) छूट की सीमा को दोगुना कर पाँच लाख रुपये करने का आग्रह किया है।

उद्योग मंडल ने इसके साथ ही बचत को प्रोत्साहन देने के लिए धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा को बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये करने की भी माँग की है।
आगामी आम चुनाव के मद्देनजर वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगे। उसके बाद चुनकर आने वाली नयी सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी।
सीआईआई ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी बजट पूर्व सिफारिशों में सुझाव दिया है कि व्यक्तिगत आयकर (इनकम टैक्स) के सबसे ऊँचे स्लैब को भी 30 से घटाकर 25% कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा चिकित्सा खर्च और परिवहन भत्ते पर भी आयकर छूट मिलनी चाहिए।
वर्तमान में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है। ढाई लाख से पाँच लाख रुपये की आय पर 5% कर लगता है। वहीं, 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20% तथा 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% आयकर लगता है। सीआईआई ने सुझाव दिया है कि 5 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त किया जाये।
इसके अलावा 5-10 लाख रुपये की आय पर कर की दर घटाकर 10% और 10 से 20 लाख रुपये की आय पर 20% तथा 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 25% आयकर लगाया जाना चाहिये।
सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25% कर दिया जाना चाहिए। बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से घटाकर 18% पर लाया जाये। उद्योग मंडल ने यह भी कहा है कि आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कर कटौती सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये किया जाना चाहिये।
सीआईआई ने कहा है कि चिकित्सा खर्च और परिवहन भत्ते की प्रतिपूर्ति की छूट फिर से लाई जानी चाहिए और इसके साथ ही 40,000 रुपये की मानक कटौती को भी लागू किया जाना चाहिये।
उद्योग संगठन ने कहा है कि दीर्घकालिक पूँजीगत नुकसान को अल्पकालिक पूँजी लाभ के साथ समायोजन की अनुमति होनी चाहिए। (शेयर मंथन, 10 जनवरी 2019)