मध्य भारत का इलाका पूरी तरह से शुष्क रहने का अनुमान - स्काईमेट (Skymet)

मौसम भविष्यवक्ता एजेंसी स्काईमेट (Skymet) के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान एक और पश्चिमी विक्षोभ 25 मार्च तक पश्चिमी हिमालय पर पहुँच जायेगा।

तब तक देश के उत्तरी और पश्चिमोत्तर मैदानी इलाकों में शुष्क मौसम बने रहने की संभावना है। स्काइमेट के अनुसार देश के उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों और पूर्वी हिस्सों पर 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाएँ हावी रहेंगी। इस सिस्टम से इन इलाकों में शुष्क और थोड़ा गर्म मौसम बने रहने की आशंका है। अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी असम और नागालैंड में गरज और तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश देखी जा सकती है। वहीं इन क्षेत्रों में एक-दो जगहों पर मध्यम आकाशीय बिजली दिखने की भी आशंका है। ओडिशा में भी कुछ एक जगहों पर गरज के साथ बारिश की बौछारें पड़ सकती हैं।
मध्य भारत का इलाका पूरी तरह से शुष्क रहने के अनुमान हैं। राजस्थान और इसके आस-पास के क्षेत्र में एक विपरीत क्षेत्र बनने के कारण, गुजरात सहित दक्षिण मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तापमान बढ़ने की संभावना है। दक्षिण-पूर्व तमिलनाडु और केरल में भी अलग-अलग जगहों पर गरज के साथ बारिश की संभावना है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और दक्षिण कर्नाटक में गर्म मौसम के साथ नमी बरकरार रह सकती है। वहीं देश के बाकी हिस्सों में मौसम की कोई महत्वपूर्ण गतिविधि होने की उम्मीद नहीं है।
बीते 24 घंटों की मौसमी घटनाएँ
पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ झारखंड के इलाकों में भी गरज के साथ भारी बारिश दर्ज हुई है। जबकि दक्षिण मध्य प्रदेश, दक्षिण बंगाल, हिमाचल प्रदेश, सहित उत्तराखंड और तेलंगाना में अलग-अलग जगहों पर बारिश देखी गयी। पूर्वोत्तर राज्यों में सुबह के समय कई स्थानों पर धुंध भी देखी गयी। इसी के साथ उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री की कमी रिकॉर्ड की गयी। जबकि इन भागों के न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट आयी है।
सम्पूर्ण भारत का मौसमी सिस्टम
पश्चिमी विक्षोभ पूर्व दिशा की और बढ़ रहा है। विदर्भ और इसके आस-पास के भागों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रीय है। इस मौसम सिस्टम से एक ट्रफ रेखा का विस्तार दक्षिण पूर्व अरब सागर से होते हुए पूरे कर्नाटक तक है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र, जो उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश पर बना हुआ था, वह कमजोर हो गया है और इस भागों के ऊपर एक ट्रफ रेखा बन गयी है। इसके अलावा एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्यों के ऊपर भी सक्रीय है। इस सिस्टम की वजह से एक ट्रफ रेखा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल से लेकर अरुणाचल प्रदेश सहित पुरे असम तक फैली हुई है। दक्षिण पाकिस्तान और इससे सटे राजस्थान के भागों पर एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है। दूसरा विपरीत चक्रवाती क्षेत्र बंगाल के दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी पर है, जो कि तटीय आंध्र प्रदेश के करीब है। (शेयर मंथन, 22 मार्च 2019)