अर्थव्यवस्था के लिए कांग्रेस-भाजपा के मेनिफेस्टो में क्या है खास?

देश में चुनावी माहौल है और सभी छोटी-बड़ी पार्टियाँ मतदाताओं से लुभावने वादे कर रही हैं। किसान, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दे राजनीतिक पार्टियों के वादों में शामिल हैं।

चुनाव शुरू होने से पहले देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों यानी कांग्रेस और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ने अपने मेनिफेस्टो पेश किये थे, जिसमें स्वास्थ्य, विकास और सुरक्षा नीति के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी काफी जोर दिया गया है। नजर डालते हैं उन वादों पर, जो दोनों पार्टियों ने अपने मेनिफेस्टो में अर्थव्यवस्था के लिए किये हैं।

पहले बात करते हैं भाजपा की। 2014 के आम चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी ने विकास का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाया था। भाजपा के मेनिफेस्टो में पिछले 5 सालों के कार्यकाल में प्राप्त की गयी उपलब्धियों के साथ ही 2047 के भारत की नींव रखने की बात की गयी है। पीएम मोदी ने मेनिफेस्टो, जिसे भाजपा ने संकल्प पत्र का नाम दिया है, में देशवासियों को लिखे एक पत्र में 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने और सबको घर मिलने की बात कही है।
वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अध्यक्षीय पत्र में पिछले 5 वर्षों में सरकार की उपलब्धियों के अलावा भारत के दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और देश में कारोबार के लिए सुगमता का जिक्र किया है। इसके अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 1.5 दोगुना करने और किसानों को वार्षिक 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने जैसी उपलब्धियों का उल्लेख किया है।

अर्थव्यवस्था के लिए क्या हैं भाजपा के वादे?
भाजपा ने भविष्य में छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन, कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश, ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड ऋण, देश भर में वेयरगाउस नेटवर्क, जैविक खेती को बढ़ावा, शहद उत्पादन बढ़ाने, सिंचाई योजना का विस्तार और औ भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करने का वादा किया है। साथ ही भाजपा ने डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने और गाँवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने का वादा भी किया है।
भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भाजपा के अनुसार हम जल्द ही इस फहरिस्त में पाँचवे नंबर पर आ जायेंगे। भाजपा का लक्ष्य 2030 तक देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का है। भाजपा ने भारत की अर्थव्यवस्था 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर और 2032 तक 10 लाख करोड़ डॉलर करने का संकल्प लिया है।
भाजपा के अनुसार पिछले 5 वर्षों में 1991 के बाद देश की औसत जीडीपी वृद्धि दर सर्वाधिक (7.3%) रही। वहीं औसत / उपभोक्ता महँगाई दर न्यूनतम (4.6%) रही। भाजपा के मुताबिक जीडीपी के प्रतिशत के रूप में चालू खाता और राजकोषिय घाटा काफी कम हुआ है, जिससे आने वाली पीढ़ियों पर 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज कम होगा। भाजपा ने 2024 तक बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया है, जिससे व्यापाक तौर पर अर्थव्यवस्था में निवेश होगा। भाजपा ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप जैसी योजनाओं के अलावा एफडीआई में हुई तरक्की का जिक्र किया है।
भाजपा ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की बात कही है, जिसके लिए देश को कारोबारी सुगमता की सूची में शीर्ष 50 में शामिल करने, कंपनी अधिनियम को मजबूत बनाने और नयी औद्योगिक नीति लाने का वादा शामिल है। साथ ही भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में जीडीपी में खनन क्षेत्र का योगदान 2.5% तक बढ़ाने, सुक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को 2024 तक 1 लाख करोड़ रुपये के ऋण देने, छोटे व्यापारियों को क्रेडिट कार्ड मुहैया करने और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने की बात कही है। इसके अलावा भाजपा ने बेनामी संपत्तियों और विदेशी बैंकों में मौजूद अवैध खातों पर शिकंजा करने का वादा किया है।

कांग्रेस ने रोजगार पर दिया है जोर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के मेनिफेस्टो में पिछले 5 वर्षों को भारत तथा भारतीयता के लिए विनाशकारी कहा है। राहुल के मुताबिक इस अवधि में युवाओं का रोजगार छिन गया, किसान उम्मीद खो चुके, व्यापारियों का कारोबार छिन्न-भिन्न हुआ और सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों ने अपना आत्मविश्वास खो दिया। कांग्रेस के अनुसार पार्टी पहले भी देश के लोगों को समृद्धि और विकास के पथ पर लेकर चली है, जिसे वे दोबारा प्रगतिपथ पर ले जाने के लिए संकल्पवद्ध है।
कांग्रेस ने नयी नौकरियों के सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ ही मार्च 2020 तक केन्द्र सरकार और संस्थानों के सभी 4 लाख खाली पदों को भरने की बात कही है। अर्थव्यवस्था के लिए कांग्रेस ने विनिर्माण क्षेत्र में जीडीपी की मौजूदा 16% हिस्सेदारी को अगले 5 वर्ष में 25% तक करके भारत को विश्व का निर्माण केन्द्र बनाने का वादा किया है। कांग्रेस ने इंजीनियरिंग उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न एवं गहने, दवाई एवं औषधि तथा रासायनिक पदार्थ उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के साथ ही धातु, इस्पात, सीमेंट, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, कम्यूटर हार्डवेयर, गाड़ियाँ निर्माण में भारत को नेतृत्वकारी भूमिका में स्थापित करने का वादा किया है।
कांग्रेस ने वर्ष 2030 तक गरीबी समाप्त करने के लिए अपनी नयी न्यूनतम आय योजना शुरू करने का जिक्र किया है, जिसमें 20% सबसे गरीब आबादी को हर साल 72,000 रुपये दिये जायेंगे। कांग्रेस ने बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए सभी उपलब्ध मॉड, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति को बढ़ाने, सड़क और रेल मार्गों के विकास के लिए निजी क्षेत्र की पूँजी और क्षमताओं का इस्तेमाल करने, स्पेक्ट्रम सहित प्राकृतिक संसाधनों के अन्वेषण (खोज) और निष्कर्षण (खनन) नीति की समीक्षा करने और पूँजी निवेश पर ध्यान देने की बात कही है। कांग्रेस असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत करोड़ों श्रमिकों और स्वरोजगार करने वाले उद्यमियों के जीवन को सुलभ बनाने के लिए विशेष योजना लायेगी।
किसानों के लिए कर्ज माफी के अलावा उचित मूल्य, कृषि में कम लागत और बैंकों से ऋण सुविधा का वादा किया है। कांग्रेस ने राजकोषीय घाटा कम करने, 2020-21 तक 3% सकल घरेलु उत्पाद, निजी निवेश, निर्यात बढ़ाने और दुनिया की सभी फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भारत में व्यापार करने का प्रयास करने का वादा किया है। साथ ही एमएसएमई को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर नये संस्थानों (छोटे बैंकों) की स्थापना की जायेगी। (शेयर मंथन, 20 अप्रैल 2019)