पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियों की संभावना - स्काईमेट (Skymet)

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट (Skymet) के मुताबिक आने वाले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत, कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक के इलाकों में अधिकांश जगहों पर हल्की से माध्यम बारिश की उम्मीद है।

हालाँकि एक-दो जगहों पर भारी बारिश भी देखी जा सकती है। गुजरात, ओडिशा, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और केरल के भागों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
वहीं छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश के साथ अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है। तेलंगाना, आतंरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में भी एक-दो जगहों पर बौछारें पड़ सकती हैं। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक-दो स्थानों पर धूल भरी आंधी के साथ बारिश की गतिविधियों की संभावना है। राजस्थान और विदर्भ में कुछ जगहों पर लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है।

बीते 24 घंटों की मौसमी गतिविधियाँ
पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तरी अंडमान द्वीप समूह के भागों में भारी से अति भारी बारिश रिकॉर्ड हुई। तटीय कर्नाटक, केरल, कोंकण-गोवा, गुजरात और असम में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई, जबकि इन क्षेत्रों में कुछ जगहों पर भारी बारिश भी देखी गयी। छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, मध्य महराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के इलाकों सहित पूर्वी भारत के बाकी हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई।
वहीं राजस्थान तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में एक-दो जगहों पर धूल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश की गतिविधियाँ हुई। हिमाचल प्रदेश में भी एक-दो जगहों पर हल्की बारिश दर्ज हुई। जबकि तटीय ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखी गयी। इस बीच राजस्थान और विदर्भ के एक-दो जगहों पर लू की स्थिति बनी रही।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम
अत्यंत भीषण चक्रवात इस समय अरब सागर के उत्तर-पूर्वी भागों पर है। जो कि पश्चिम-उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा पंजाब से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। उत्तर पश्चिमी और उससे सटे उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित है। एक अप तटीय ट्रफ रेखा कर्नाटक और केरल के तटीय भागों तक फैली हुई है। (शेयर मंथन, 14 जून 2019)