नयी वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने लिये कई अहम फैसले

शुक्रवार 21 जून को नयी केंद्रीय वित्त मंत्री निरमला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद (GST Council) की पहली बैठक हुई।

यह जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक थी, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि को दो महीने तक बढ़ा कर 30 अगस्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही 1 जनवरी 2020 से केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म (वन-फॉर्म न्यू जीएसटी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम) भरने की सुविधा शुरू किये जाने का भी ऐलान किया गया। मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य करने के साथ ही जीएसटी परिषद ने जीएसटी-नेटवर्क पर पंजीकरण करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। पंजीकरण के लिए आधार के अलावा केवल पते का प्रमाण देना जरूरी होगा।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि कारोबारी ऑनलाइन आधार नंबर के जरिये जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उनके पास ओटीपी आयेगा। जीएसटीएन पोर्टल में पंजीकरण होने के बाद पंजीकरण नंबर मिल जायेगा। गौरतलब है कि सरकार जीएसटी पंजीकरण की सीमा पहले ही 20 लाख रुपये से बढ़ा कर 40 लाख रुपये कर चुकी है।
इसके अलावा जीएसटी परिषद की बैठक में जो महत्वपूर्ण फैसले लिये गये उनमें ई-चालान प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी, राज्य और क्षेत्र आधारित जीएसटी अपीलीय प्राधिकरणों का गठन, राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का कार्यकाल और दो साल के लिए बढ़ाना और जीएसटी दर में कटौती के लाभ को उपभोक्ताओं तक न पहुँचाने पर 10% का जुर्माना लगाना शामिल है।
किसी कारोबारी के दो महीनों तक रिटर्न दाखिल न करने पर अब उसे ई-वे बिल जनरेट करने की सुविधा नहीं मिलेगी। साथ ही विद्युत वाहनों पर जीएसटी की मौजूदा 12% दर को घटा कर 5% और इलेक्ट्रिक चार्जर पर 18% से कम कर के 12% किये जाने के प्रस्ताव को निर्धारण समिति के पास भेजा गया है। (शेयर मंथन, 22 जून 2019)