तटीय और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, केरल और मराठवाड़ा भारी बारिश होने के आसार - स्काईमेट (Skymet)

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट (Skymet) के मुताबिक आने वाले 24 घंटों के दौरान तटीय कर्नाटक, केरल, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम तथा एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं।

वहीं कर्नाटक के दक्षिणी आंतरिक भागों, पूर्वोत्तर भारत समेत झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम तथा एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की उम्मीद है।
इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, पूर्वी मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के भागों में हल्की बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और गुजरात में भी एक-दो स्थानों पर बारिश होने की उम्मीद है।

बीते 24 घंटों की मौसमी गतिविधियाँ
बीते 24 घंटों के दौरान असम, गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप के भागों में हल्की से मध्यम बारिश तथा एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। वहीं केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिणी कोंकण-गोवा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के भागों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा एक-दो स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिली। वहीं राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी मध्यम बारिश देखने को मिली है।
इसके अलावा उत्तराखंड में हल्की बारिश हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, विदर्भ, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तटीय तमिलनाडुा और अंडमान-निकोबार में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गयी।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम
उत्तरी पाकिस्तान के भागों पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। दक्षिणी राजस्थान और इससे सटे हुए गुजरात के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के तटीय भागों पर एक निम्न-दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। पंजाब से हरियाणा, उत्तरी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड होते हुए निम्न दबाव के क्षेत्र तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। वहीं पूर्वी बिहार और इससे सटे भागों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
उधर दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे हुए मध्य प्रदेश के भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी छत्तीसगढ़ के भागों पर बना हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र से केरल के तटीय भागों तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। (शेयर मंथन, 22 जून 2019)