उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, नागालैंड और मेघालय में मूसलाधार बारिश संभव - स्काईमेट (Skymet)

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट (Skymet) के मुताबिक आने वाले 24 घंटों के दौरान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उप हिमालयन पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मेघालय में भारी से मूसलाधार बारिश की संभावना है।

हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं। जम्मू-कश्मीर, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के हिस्सों सहित विदर्भ तथा तेलंगाना और केरल के हिस्सों में अलग-अलग स्थानों हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है।
वहीं पंजाब के उत्तरी भागों और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों तथा तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की उम्मीद है। इस बीच हरियाणा की ज्यादातर जगहों, पंजाब के कई भागों तथा दिल्ली, कच्छ, दक्षिणी आतंरिक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा।

पिछले 24 घंटों के दौरान हुई मौसमी गतिविधियाँ
पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार के उत्तरी भागों तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश और उत्तरी केरल के हिस्सों में भारी से मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गयी। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत, मध्य प्रदेश के उत्तर पूर्वी भागों तथा छत्तीसगढ़, कोंकण-गोवा और विदर्भ के हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी देखी गयी। जबकि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, दक्षिणी गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल के बाकी हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से भारी बारिश दर्ज की गयी।
इस बीच पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश मराठवाड़ा और आंध्र प्रदेश के हिस्सों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश के साथ लगभग हिस्सा शुष्क बना रहा।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम
उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों और उससे सटे बिहार के हिस्सों में एक चिन्हित निम्न दवाब क्षेत्र मौजूद है। पाकिस्तान के मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा पंजाब से उत्तर प्रदेश, चिन्हित निम्न दवाब क्षेत्र, बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए नागालैंड तक फैली हुई है। इसके अलावा एक अपतटीय ट्रफ रेखा कर्नाटक से केरल के तटीय भागों तक बना हुआ है। (शेयर मंथन, 10 जुलाई 2019)