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पीसी बिक्री में 12% की वृद्धि

कारोबारी साल 2008-09 की पहली छमाही के दौरान देश में पीसी बिक्री में 12% की वृद्धि हुई है। इस दौरान कुल मिला कर 36.9 लाख कंप्यूटरों की बिक्री हुई। मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन फॉर इन्फॉर्मेशन टेक्नालॉजी (एमएआईटी) के एक अध्ययन के अनुसार अप्रैल-सितंबर 2008 के दौरान डेस्कटॉप कंप्यूटरों की बिक्री पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 12% बढ़ कर 29.10 लाख रही, जबकि नोटबुक की बिक्री 13% की वृद्धि के साथ 7.70 लाख रही।

पटनी कंप्यूटर के मुनाफे में 20% की गिरावट

पटनी कंप्यूटर के मुनाफे में 20% की गिरावट आयी है। कंपनी का मुनाफा दिसंबर 2008 की चौथी तिमाही में 68.66 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले दिसंबर 2007 की इसी तिमाही में यह 85.90 करोड़ रुपये था। हालांकि इस दौरान कंपनी की कुल आमदनी बढ़ी है। साल 2008 की चौथी तिमाही में कंपनी की कुल आय 453.20 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछले साल इस अवधि में यह 328.47 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी के निदेशक मंडल ने साल 2008 के लिए 150% यानी 3 रुपये प्रति शेयर अंतिम लाभांश देने की घोषणा की है।

दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन की विकास दर -2%

आज जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार दिंसबर 2008 महीने में औद्योगिक विकास दर -2% रही है, जबकि पिछले साल दिसंबर महीने में यह 8% रही थी। नवंबर 2008 महीने में यह 2.4% दर्ज की गयी थी। औद्योगिक विकास दर में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का हिस्सा 80% का होता है।

महँगाई दर 5% से नीचे

महँगाई दर में गिरावट का सिलसिला जारी है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महँगाई दर 31 जनवरी 2009 को खत्म हुए हफ्ते में घट कर 4.39% रह गयी है। 24 जनवरी 2009 को खत्म हफ्ते में यह 5.07% रही थी। गौरतलब है कि अगस्त 2008 में 12.91% के उच्चतम स्तर पर जाने के बाद इसमें गिरावट  का सिलसिला शुरू हो गया था।

एफडीआई सीमा की इतिश्री

राजीव रंजन झा

विदेशी निवेश की सीमा के नियमों को सरल बनाने के नाम पर सरकार ने इन सीमाओं को एक तरह से खत्म ही कर लिया है। कहने को एक सामान्य-सा सरलीकरण किया गया है, लेकिन वास्तव में इस सरलीकरण ने इन सीमाओं को बेमानी बना दिया है।
एक उदाहरण ले कर मामले को समझें तो आसानी होगी। क नाम की एक टेलीकॉम कंपनी है। इस कंपनी के शेयरधारकों में ख नाम की एक भारतीय कंपनी है। कंपनी ख में कुछ विदेशी हिस्सेदार भी हैं। टेलीकॉम क्षेत्र में होने के चलते कंपनी क में 74% से ज्यादा विदेशी निवेश नहीं हो सकता। अब तक लागू रहे नियम के तहत 74% की इस सीमा को जोड़ते समय न केवल सीधे तौर पर कंपनी क के विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी देखी जाती थी, बल्कि यह भी देखा जाता था कि कंपनी ख में विदेशी हिस्सेदारी कितनी है। कंपनी क में ख की हिस्सेदारी और ख में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी के अनुपात से निकाला जाता था कि ख के विदेशी हिस्सेदारों का कितना हिस्सा क में बनता है और उसे क में कुल विदेशी निवेश का भाग माना जाता था। अब ऐसा नहीं माना जायेगा।

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