
और बाजार में मंदी का रुझान के रुझान के कारण चने में नरमी की संभावना देखी जा रही है।
पिछले वर्ष कम उत्पादन के कारण स्थानीय मंडियों में चने का कुल स्टॉक कम होकर 20-25 लाख टन रह गया है। इसके अतिरिक्त तूर और उड्द जैसी खरीफ दालों की सप्लाई भी कम हो रही है। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होनें से भी आयातित दालों में तेजी का रुझान है। चने के लिए एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की सलाह है कि चना वायदा सितंबर की कीमतें गिर कर 4300 के स्तर तक आ सकती है।
दिल्ली में चने की हाजिर कीमतें 4700 रुपये रही है। चने का पिछला बंद भाव 4794 रुपये रहा है।
(शेयर मंथन 23 सितंबर 2015)
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