कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों और मध्य-पूर्व में सैन्य तनाव की खबरों के बीच मार्च सीरीज के वायदा निपटान के दिन भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट आयी।
बाजार ने कमजोर शुरुआत की और उसके बाद लगातार फिसलता रहा। सेंसेक्स 654 अंक की जबरदस्त गिरावट के साथ 27,458 पर बंद हुआ। निफ्टी 8325 तक फिसलने के बाद अंत में 189 अंक टूट कर 8,342 पर आ गया। मार्च सीरीज समाप्त होने के साथ निफ्टी में 76.97% रोलओवर हुआ जो तीन महीने के औसत 74.04% से ज्यादा है।
निफ्टी ने बड़ी गिरावट के साथ शुरुआत की। इसके लिए फरवरी 2015 की तलहटी 8470 पर एक अहम सहारा माना जा रहा था, पर वह शुरुआती कारोबार में ही टूट गया। यह 15 जनवरी 2015 से अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। प्रतिशत के लिहाज से इसने 6 जनवरी 2015 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। तकनीकी रूप से इसने बड़े आकार की मंद कैंडल बनायी, जिसके ऊपर 8499-8530 के बीच एक मंद अंतराल (बियरिश गैप) भी बना है।
सेंसेक्स ने कल 27,385 का निचला स्तर छुआ और अंत में उससे थोड़ा ही सँभल कर 27,458 पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स में लगातार सातवीं गिरावट रही। इन सात सत्रों में सेंसेक्स 1278 अंक या 4.4% का नुकसान उठा चुका है।
मध्य-पूर्व में सैन्य तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में भी चिंता बनी है। सऊदी अरब ने पड़ोसी देश यमन में विद्रोहियों के विरुद्ध हमला कर दिया है। इसने नौ अरब देशों के सहयोग से यमन में हवाई हमले शुरू किये। गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) भी इसमें सऊदी अरब के साथ है। इन अरब देशों की मंशा यमन में काबिज हाउती विद्रोहियों को हटाना है।
इस माहौल में गुरुवार को एशिया में निक्केई में 1.4% और हैंग सेंग में 0.1% की गिरावट आयी, हालाँकि शंघाई कंपोजिट 0.6% बढ़ा। यूरोपीय बाजारों में 1.3% से लेकर लगभग 2% तक की गिरावट आयी। (शेयर मंथन, 26 मार्च 2015)
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