सस्ते खाद्य उत्पादों के कारण अगस्त 2018 में खुदरा महँगाई दर घट कर 3.69% रह गयी, जो पिछले 10 महीनों में सबसे कम है।
सस्ते खाद्य उत्पादों के कारण नवंबर 2018 में खुदरा महँगाई दर घट कर 2.33% रह गयी, जो पिछले 17 महीनों में सबसे कम है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार (08 जून) को बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। दास ने कहा कि एमपीसी के छह में से पाँच सदस्यों के बहुमत से समायोजन वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है ताकि मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखते हुए विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) शुक्रवार (06 अक्तूबर) को अपनी छमाही मौद्रिक नीति की बैठक (MPC) में लगातार चौथी बार रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रखने की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने महँगाई पर सतर्क रुख बरकरार रखते हुए वित्त वर्ष 24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5% पर यथावत रखा है।
वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार (14 नवंबर) को अक्टूबर के लिए थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (WPI Inflation) के आँकड़े जारी किये। इस दौरान थोक महँगाई दर 19 महीनों में पहली बार 10% से नीचे 8.9% दर्ज की गयी। इससे पहले सितंबर में थोक महँगाई दर 10.7% थी, जबकि अक्टूबर 2021 में यह 13.83% थी। थोक महँगाई दर पिछले तकरीबन डेढ़ साल से 10% से ऊपर बनी हुई थी।
अक्टूबर में थोक महँगाई दर (WPI) बढ़ कर 5.28% पर पहुँच गयी, जो पिछले चार महीनों में सर्वाधिक है।
जुलाई के मुकाबले अगस्त में मामूली वृद्धि के साथ खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) 3.21% रही।
अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महँगाई दर बढ़ कर 3.36% हो गयी है।
महँगाई दर में बढ़ोतरी का सिलसिला अक्टूबर महीने में भी जारी रहा।
खाद्य पदार्थों, खास कर दाल और अनाज, की कीमतें बढ़ने के कारण जून में खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) आठ महीनों के शिखर पर पहुँच गयी।
अक्टूबर 2022 में खुदरा महँगाई घट कर तीन महीने के निचले स्तर पर 6.77% रही है। वहीं थोक महँगाई लगातार 18 महीनों तक दो अंकों में रहने के बाद अक्टूबर में घट कर 8.39% पर आयी है।
खुदरा महँगाई (Retail Inflation) की दर में बढ़ोतरी होती दिख रही है, जबकि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) में एक बार फिर सुस्ती दिखी है।
मई 2017 के महीने में खुदरा महँगाई (retail inflation) घट कर 2012 से अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गयी है।
मुख्यतः सब्जियों की कीमत बढ़ने की वजह से जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से दर्शायी जाने वाली खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation) बढ़ कर 2.36% हो गयी है।
सस्ते खाद्य उत्पादों के कारण जुलाई में खुदरा महँगाई दर घट कर 4.17% रही, जो पिछले 9 महीनों में सबसे कम है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा बुधवार (12 जुलाई) को जारी आँकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतों में वृद्धि और अनुकूल आधार प्रभाव खत्म होने से भारत की प्रमुख खुदरा मुद्रास्फीति दर जून में बढ़कर 4.81% हो गई, जो मई में 4.31% थी।
फर्स्ट ग्लोबल के संस्थापक और वाइस-चेयरमैन शंकर शर्मा लगभग हमेशा भारतीय शेयर बाजार को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं।
सितंबर में 0.33% के मुकाबले अक्टूबर में थोक महंगाई दर (Wholesale Inflation Rate) घट कर 0.16% रह गयी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) फिर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से तय सहनीय सीमा के भीतर आ गयी है।
जून के मुकाबले जुलाई में मामूली गिरावट के साथ खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) 3.15% रही।
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