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अगले 2-3 महीनों के लिए आ सकती है गिरावट : पी के अग्रवाल (P K Agarwal)

भारतीय शेयर बाजार के लिए 28 अगस्त एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि पिछले साल इसी दिन निफ्टी ने 5,118 की बड़ी तलहटी बनायी थी। उसके बाद से इसने वापस पीछे मुड़ कर नहीं देखा है और निरंतर नये उच्चतम स्तर बनते गये हैं।

पिछले कारोबारी दिन यानी 22 अगस्त 2014 को भी निफ्टी ने 7,929 का नया उच्चतम स्तर छुआ है। अब हम 28 अगस्त 2014 से केवल चार कारोबारी सत्र दूर हैं, जब तेजी का यह दौर ठीक एक साल पूरे कर लेगा। हालाँकि इस समय बुनियादी पहलुओं को देखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था एक स्वस्थ हालत से काफी दूर है।

विकास दर (जीडीपी) : हाल में भारत की विकास दर लगातार नीचे गयी है और ताजा विकास दर 4.8% आँकी गयी है, जो 2006-08 की अवधि में हासिल सर्वोत्तम विकास दर की तुलना में आधी है। हालाँकि अब यह बात भरोसे के साथ कही जा सकती है कि सबसे बुरा दौर बीत गया है और यहाँ से विकास दर धीरे-धीरे ऊपर ही जायेगी।

महँगाई दर : यह चिंता का सबसे बड़ा कारण है। आरबीआई के सुविधाजनक स्तर 6% की तुलना में यह लगातार लगभग 8% के पास है। खाद्य वस्तुओं में सबसे ज्यादा महँगाई रही है, जिसके कारण मौद्रिक नीति के जरिये किया जाने वाला हस्तक्षेप बहुत कम असर डालता है, क्योंकि खाद्य महँगाई का समाधान आपूर्ति पक्ष को सुधारने से ही होगा। जब तक महँगाई दर ऊँची है, तब तक ब्याज दरें घटाने को लेकर आरबीआई के हाथ बँधे हुए हैं।

अब तकनीकी नजरिये से बाजार को देखें तो कई चिंताजनक संकेत नजर आते हैं :

1. दैनिक चार्ट पर आरएसआई, एमएसीडी जैसे संकेतक निचले शिखर बना रहे हैं, जबकि भाव ऊपर जा रहा है। इससे नकारात्मक विलगाव (डाइवर्जेंस) बन रहा है।

2. निफ्टी के 50 में से 30 शेयर निफ्टी की तुलना में धीमे चल रहे हैं।

3. निफ्टी नये उच्चतम स्तर पर होने के बावजूद इसके 50 में से 25 शेयर (कैर्न, कोल इंडिया, आईटीसी, एलऐंडटी, ओएनजीसी, रिलायंस वगैरह) मई/जून में बने अपने शिखरों से नीचे चल रहे हैं।

4. निफ्टी के नये उच्चतम स्तर काफी कम कारोबारी मात्रा (वॉल्यूम) के साथ बने हैं। एनएसई में नकद कारोबार अभी केवल लगभग 16,000 करोड़ रुपये का है, जबकि 16 मई को पहली बार निफ्टी 7,500 के ऊपर जाने के समय इसने 36,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हासिल कर लिया था।

इस विश्लेषण से साफ है कि कमजोर बुनियादी स्थिति और धीरे-धीरे खराब होते तकनीकी पहलुओं के बावजूद बाजार काफी मजबूती दिखा रहा है। बाजार अपनी बुनियादी बातों से काफी आगे चला गया है। आम तौर पर बाजार भविष्य की उम्मीदों को पहले से भुनाने लगता है। इसका मतलब यह है कि बाजार निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद कर रहा है। लेकिन सवाल है कि क्या ऐसा होगा, और कब होगा? ऐसे में बाजार अब किधर जायेगा?

इस नये हफ्ते (25-28 अगस्त) में निफ्टी इन स्तरों पर बना रह सकता है और इसे 7970-7990 के दायरे में बाधा मिल सकती है। वहीं इसे 10 दिनों के मूविंग एवरेज (7790) पर सहारा मिलेगा। हालाँकि ऐसा लगता है कि मौजूदा तेजी अब पूरी हो रही है और अगले 2-3 महीनों में लगभग 10-15% की एक ठीक-ठाक गिरावट आ सकती है। यह गिरावट अगस्त के अंत या सितंबर के पहले हफ्ते में शुरू हो सकती है। निवेशकों को गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए। फिलहाल हाथ में नकद बचाये रखें या मुनाफावसूली करके नकदी जुटायें और निचले स्तरों पर खरीदारी के अवसर का इंतजार करें। पी के अग्रवाल, निदेशक, पर्पललाइन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (P K Agarwal, Director, Purpleline Investment Advisors)

(शेयर मंथन, 25 अगस्त 2014)

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