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बाजार हर दिन रिकॉर्ड पर, मगर नौ दिन चला अढ़ाई कोस

राजीव रंजन झा : नौ दिन चले, अढ़ाई कोस। यह कहावत इस समय भारतीय शेयर बाजार के लिए बहुत सटीक साबित हो रही है, खास कर बीते दो-तीन हफ्तों के मद्देनजर।

सेंसेक्स ने 8 सितंबर 2014 को 27,355 का जो नया रिकॉर्ड स्तर बनाया था, उसे हाल में इसने 31 अक्टूबर को पार किया। उसके बाद से यह नवंबर में अब तक लगातार नये रिकॉर्ड स्तर बनाता रहा है, कभी लगातार हर दिन, तो कभी 2-3 दिन छोड़ कर। लेकिन बिल्कुल उच्चतम स्तरों पर चल रही इस सारी गतिविधि का नतीजा क्या है? सेंसेक्स ने 31 अक्टूबर को 27,894 का नया रिकॉर्ड बनाया था। कल 19 नवंबर को भी इसने नया रिकॉर्ड बनाया 28,294 का। यानी इन दो-तीन हफ्तों के दौरान इसका नया रिकॉर्ड केवल 400 अंक ऊपर खिसका है, प्रतिशत के लिहाज से देखें तो यह केवल 1.4% ऊपर आया है। 

एकदम ठिठके कदमों से जरा-जरा ऊपर आ कर लगातार नये रिकॉर्ड बनाते इस बाजार का मिजाज समझना जरा मुश्किल है! क्या हर दिन नये रिकॉर्ड की डुगडुगी बजा कर उस आम निवेशक को पुकारा जा रहा है, जो अब तक बाजार की तेजी में बहुत हिस्सेदारी नहीं कर पाया है? इन ऊपरी स्तरों पर बाजार में आने को लेकर उसके मन में जो डर है, उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है? उसे दिखाया जा रहा है कि देखो, इस बाजार में कमजोरी नहीं है, मुनाफावसूली नहीं है, निचले स्तरों का इंतजार करना बेकार है, इसलिए आ जाओ और झटपट से इस ट्रेन पर सवार हो जाओ क्योंकि यह ट्रेन अब सिर्फ तुम्हारे इंतजार में खड़ी है! माफ कीजिए, बाजार इस तरह डुगडुगी बजा कर, तश्तरी में सजा कर किसी लड्डू की तरह मौके पेश नहीं किया करता। 

बाजार में तमाम विश्लेषकों से जब मैं बाजार की दिशा पूछता हूँ तो वे सकारात्मक बताते हैं। लेकिन ऊपर के लक्ष्यों के बारे में पूछता हूँ तो 8,400 के निफ्टी पर वे 8,500 का लक्ष्य बताते हैं। नहीं, मैं कल-परसों के लक्ष्य की बात नहीं कर रहा। जरा आगे की भी पूछता हूँ तो उनकी नजर 8500-8550 से आगे नहीं जाती। बहुत हुआ तो कोई 8600-8650 की बात कर लेता है। 

तो साहब, क्या केवल दो-ढाई फीसदी ऊपर के लक्ष्य के लिए बाजार में दाँव लगाया जाये? अगर हम जोखिम-लाभ अनुपात देखने बैठें तो नीचे कहाँ तक गिरावट की गुंजाइश बनती है? दरअसल बीते दो-तीन हफ्तों से बाजार यही भरोसा दिलाने में लगा है कि चिंता मत करो, कोई बड़ी गिरावट नहीं आने वाली। इसीलिए भले ही ऊपर की ओर ज्यादा गुंजाइश नहीं दिख रही हो, लेकिन रिकॉर्ड स्तरों पर खड़े बाजार में अगर बेहद हल्का सकारात्मक रुझान भी चल रहा हो तो कोई विश्लेषक कैसे आपको बिकवाली या मुनाफावसूली का सुझाव देने का जोखिम ले सकता है? 

लेकिन बीते दो-तीन हफ्तों से बाजार कर क्या रहा है, इसकी एक तस्वीर सेंसेक्स के 16 मई 2014 के बाद से अब तक के चार्ट पर नजर आती है। मैंने पिछले कुछ महीनों के दौरान कई बार 16 मई से अब तक की चढ़ती पट्टी का जिक्र किया है। इन दो-तीन हफ्तों में सेंसेक्स बिल्कुल इस पट्टी की ऊपरी रेखा को छूते हुए इससे लिपट कर चल रहा है। न तो वह इस रेखा को पक्के तौर पर पार कर रहा है, न ही वह इससे टकरा कर पलट रहा है। लेकिन वह आखिर कब तक इसी रेखा से लिपट कर चलता रह सकेगा? या तो इसे पलट कर नीचे आना होगा, या इस रेखा को पार करके ऊपर निकलना होगा। अगर यह इस रेखा को पार करके ऊपर निकल जाये तो आगे खुला आसमान मिलेगा, जिसमें लगातार नयी ऊँचाइयाँ होंगी। लेकिन अगर यह इस ऊपरी रेखा से पलट कर निचली रेखा की ओर लौटने लगा, जैसा इसने 16 मई के बाद से अब तक तीन बार किया है, तो नीचे की ओर वापस 27,000 की ओर जाने की आशंका बन जायेगी। यानी लगभग हजार अंकों की गिरावट का एक खतरा दिखता है। 

अगर हम नवंबर महीने के दौरान सेंसेक्स या निफ्टी की चाल देखें, तो यह भी एक छोटी पट्टी के दायरे में ही है। यह पट्टी हल्के ढंग से ऊपर चढ़ रही है, इसीलिए इस पट्टी के अंदर सिमटे रहते हुए भी सेंसेक्स और निफ्टी लगातार नये रिकॉर्ड बना रहे हैं। कल के बंद स्तर पर सेंसेक्स इस छोटी पट्टी के निचले छोर पर आ गया है। अब या तो इसे फिर से छोटी पट्टी की ऊपरी रेखा की ओर जाना होगा, यानी 300-400 अंकों तक की बढ़त मिल जायेगी, या फिर यह इस छोटी पट्टी से फिसल कर नीचे आ जायेगा। उस सूरत में यह 10 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) से भी नीचे फिसलेगा, क्योंकि कल के बंद भाव पर 10 एसएमए 27,994 पर है। कल सेंसेक्स 27,964 तक गिर कर थोड़ी देर के लिए 10 एसएमए के नीचे गया था, लेकिन अंत में बंद भाव 28,033 इसके ऊपर रहा। लिहाजा 10 एसएमए टूटने पर 20 एसएमए की ओर फिसलने की संभावना को नजर में रखना होगा। इस समय 20 एसएमए 27,519 पर है, लेकिन हर दिन तेजी से ऊपर आ रहा है। वहीं 50 एसएमए 27,048 पर है। 

अगर हम सेंसेक्स की अक्टूबर 2014 की तलहटी 25,911 से कल बने नये उच्चतम स्तर 28,294 तक की उछाल की वापसी देखें तो इसमें 23.6% वापसी 27,732 पर, 38.2% वापसी 27,384 पर और 50% वापसी 27,103 पर है। अगर सेंसेक्स कल के ऊपरी स्तर को पार नहीं कर पाये और कमजोरी का रुझान दिखाये तो इन स्तरों का भी ध्यान रखें। 

कुल मिला कर कहानी यह बन रही है कि सेंसेक्स के लगभग 27,000 तक लौट कर आने की संभावना पर नजर रखने की जरूरत है। इसका एक आरंभिक ठोस संकेत यह होगा कि सेंसेक्स 27,900 के नीचे जाये। लेकिन इतना जरूर याद रखें कि बाजार ने अब तक गिरावट के पुख्ता संकेत दिये नहीं हैं और लगातार थोड़ा-थोड़ा ही सही, लेकिन ऊपर की ओर ही चलता रहा है। इसलिए फिलहाल बाजार को सचेत नजर से देखते रहें और रुझान को पक्के तौर पर समझने के बाद ही कोई रणनीति बनायें। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 20 नवंबर 2014)

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