इडेलवाइज ने रियल एस्टेट पर अपनी ताजा रिपोर्ट में सलाह दी है कि निवेशकों को डीएलएफ में अपना निवेश घटाना चाहिए। लेकिन साथ ही इसने ऑर्बिट कॉर्पोरेशन में खरीदारी की सलाह भी दी है। यूनिटेक, शोभा डेवलपर्स, पूर्वांकर प्रोजेक्ट्स, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट और अनंत राज इंडस्ट्रीज को अपनी रिपोर्ट में शामिल करने के बावजूद इडेलवाइज ने इन कंपनियों को कोई रेटिंग नहीं दी है।
इडेलवाइज का मानना है कि भले ही इस समय रियल एस्टेट क्षेत्र कई परेशानियों में घिरा नजर आ रहा हो, लेकिन लंबी अवधि के लिहाज से इस क्षेत्र में काफी संभावनाएँ हैं। फर्म का मानना है कि जो निवेशक लंबी अवधि के निवेश के लिए तैयार हैं, वे इस क्षेत्र पर अपना दांव लगा सकते हैं, क्योंकि कुछ समय बाद मजबूत आधार वाली कंपनियों के कारोबार में बढ़ोतरी तय है। इडेलवाइज को उम्मीद है कि मांग में कमी का मौजूदा दौर 24-36 महीनों से ज्यादा लंबा नहीं खिंचेगा।
लेकिन निकट भविष्य में इस क्षेत्र के लिए नकारात्मक खबरों का सिलसिला जारी रहने की ही संभावना जतायी गयी है। इडेलवाइज का मानना है कि रियल एस्टेट बाजार के सटोरियों और हद से ज्यादा उधारी पर निर्भर रियल एस्टेट कंपनियों के संकट में फंसने की खबरें लगातार मिलती रहेंगीं। इस दौरान संपत्तियों की मांग भी काफी कमजोर रहेगी।
ब्रोकिंग फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक वित्तीय संकट के इस माहौल में घरेलू परिस्थितियाँ भी अनुकूल नहीं हैं और इसके कारण रियल एस्टेट क्षेत्र के बुनियादी ढांचे पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ब्याज दरों में कमी नहीं होने और निर्माण लागत बढ़ने की वजह से रियल एस्टेट क्षेत्र की दिक्कतें बढ़ गयी हैं। रिपोर्ट में यह टिप्पणी भी की गयी है कि इस क्षेत्र की कंपनियों में दाम घटाने के प्रति अनिच्छा है, जिससे उनकी परेशानियां बढ़ी हैं। मौजूदा हालात में मांग घटने की वजह से उनका कारोबार कम हुआ है और इसके चलते उनके हाथ में आने वाली नकदी काफी कम हो गयी है। रियल एस्टेट कंपनियाँ पूंजी की कमी के चलते कई और दिक्कतों से जूझ रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों ने त्यौहारों के दौरान मांग बढ़ने की उम्मीद लगायी थी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
इडेलवाइज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लंबी अवधि में घरेलू रियल एस्टेट क्षेत्र में काफी संभावनाएँ हैं। देश की बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, एकल परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी और घर कर्ज की कम पहुँच को ध्यान में रख कर इडेलवाइज का निष्कर्ष है कि खुदरा रियल एस्टेट क्षेत्र भविष्य में काफी तेजी से बढ़ेगा। ब्रोकिंग फर्म का मानना है कि जो रियल एस्टेट कंपनियाँ इस कठिन परिस्थिति का मुकाबला करने में सफल रहेंगीं, उनके सामने घरेलू क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएँ रहेंगीं। इस बात के मद्देनजर इडेलवाइज ने सलाह दी है कि जब इस क्षेत्र में फिर से मांग बढ़ने के संकेत साफ दिखने लगें, तब निवेशक फिर से इस क्षेत्र को निवेश के लिए चुन सकते हैं। हालांकि फिर से मांग बढ़ने में 24-36 महीने तक का समय लग सकता है।