भाजपा के घोषणा पत्र में विकास पर जोर, रिटेल एफडीआई नहीं

आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है।

भाजपा ने सबका साथ, सबका विकास का नारा देते हुए समावेशी और टिकाऊ विकास, वैश्विक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यस्था और गुणवत्ता में ब्रांड इंडिया के निर्माण का वादा किया है।

भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में देश के आर्थिक पुनरुत्थान करने का वादा किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मोर्चे पर भाजपा मल्टी ब्रांड खुदरा निवेश का विरोध करेगी, जबकि एफडीआई को उन्हीं क्षेत्रों में अनुमति दी जायेगी, जहाँ नौकरी और पूँजी का निर्माण हो। जहाँ आधारभूत ढाँचे के लिए तकनीकी और विशेषज्ञ ज्ञान की आवश्यकता हो। भाजपा ने छोटे और मझोले दुकानदारों के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध जतायी है।

लघु उद्योगों और उनके कर्मचारियों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी और निवेशकों की सहायक होगी।

भाजपा ने घोषणा पत्र में लिखा है कि साल 2004-05 में जब एनडीए सरकार ने अपना कार्यकाल समाप्त कर यूपीए सरकार को कार्यभार सौंपा तो जीडीपी विकास दर दो अंकों के निकट ती। महँगाई नियंत्रण में थी। राजस्व घाटा और चालू घाटा भी काबू में था तथा पूरी अर्थव्यवस्था मजबूती से बढ़ रही थी। उसके उलट अब कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के अंत में जीडीपी विकास दर 4.8% के नीचे पहुँच गयी है। महँगाई और चरम पर है। राजस्व घाटा और चालू खाता घाटा घातक स्तर पर आ गये हैं और उत्पादन क्षेत्र भयंकर मंदी झेल रहा है। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने पिछले पाँच वर्षों में कई बड़े-बड़े घोटाले किए हैं। इन वर्षों में भारतीय मुद्रा का जितना अवमूल्यन हुआ है। उतना पहले कभी नहीं हुआ। ये प्रमुखता: यूपीए सरकार की गलत नीतियों और अनिर्णय के कारण हुआ। यूपीए सरकार ने निर्णय लिए ही नहीं और लिए भी, तो 'स्केंडल' में परिवर्तित हो गये। इस सबसे हमारी अर्थव्यवस्था की साथ पर बट्टा लगा गया। इस कुचक्र से बचने के लिए सबसे पहले निर्णय क्षमता और निर्णय के प्रति अपनी ईमानदारी को स्थापित करना होगा, ताकि आमजन में पुन: आत्मविश्वास जाग्रत हो।

भाजपा ने वादा किया है कि हम सरकार में लोगों का विश्वास और विश्वसनीयता वापस लायेंगे, हम देश भर में विश्व स्तर पर भी भारत के आत्मविश्वास को पुन: स्थापित करेंगे। हम अपनी सतत् दूरगामी नीतियों के बल पर न केवल आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगे। बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि यह विकास स्थिर और संतुलित हो। हम तात्कालिक स्तर पर प्रभावी और दूरगामी स्तर पर कामयाब हल ढूंढ़ेंगे। विकास के कार्यों के लिए आवश्यक साधनों से समझौता किये बिना राजस्व के अनुशासन को सख्ती से कार्यान्वित करेंगे, जैसे मनरेगा आदि कार्यक्रम। हम विकास को गति देने के लिए सभी उपक्रमों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी रूप से संसाधन उपलब्ध करायेंगे। विदेशी और देश के निवेशकों के लिए जो नीतियाँ बनायी गयीं हैं, उनका पुनर्मूल्यांकन करेंगे, जो दोनों के लिए सहायक हो। 

भाजपा के घोषणा पत्र में बैंकिंग सुधार भी किये जाने का वायदा किया गया। भाजपा का मानना है कि इससे बैंक आसानी से पहुँच के दायरे में होंगे और उत्तरदायी बनेंगे। इसके अलावा भाजपा बचत को बढ़ावा देंगी, जो निवेश और वृद्धि का महत्वपूर्ण आधार है।

बढ़ते एनपीए के मोर्चे पर भाजपा ऐसे कदम उठायेगी, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए में कमी आये। भाजपा एक ऐसा मजबूत नियामक निकाय बनायेंगी, जो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से निवेशकों की रक्षा करेगी।

कर प्रणाली के बारे में भाजपा कर नीतियों का रोडमैप तैयार करेगी। सभी राज्य सरकारों को जीएसटी के लिए तैयार करना, उनके पूरे पक्ष को सुनते हुए। अनुसंधान और विकास के लिए टैक्स लाभ प्रदान करना, जिससे तकनीक और अनुसंधान को बढ़ावा मिले।

(शेयर मंथन, 07 अप्रैल 2014)